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गुवाहाटी, 5 जनवरी | असम में आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी ) ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए 10 करोड़ रुपये के कुल प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति राशि के गबन के सिलसिले में राष्ट्रीयकृत बैंक के बिजनेस कॉरेस्पॉडेंट सहित दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गबन बीते दो वित्तीय वर्षो में किए गए। अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि इन गिरफ्तारियों के बाद राज्य के चार जिलों से गिरफ्तार किए गए कुल लोगों की संख्या 32 हो गई है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। असम पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि सीआईडी ने पुलिस की मदद से, कामरूप जिले के दो पुलिस स्टेशनों-नगरबेरा और बोको के तहत विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली, जहां से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों में से एक राष्ट्रीयकृत बैंक का बिजनेस कॉरस्पॉडेंट और एक आईटी सेंटर का मालिक है।
अब तक गिरफ्तार किए गए 32 अभियुक्तों में, प्रधानाध्यापक, शिक्षक, राष्ट्रीयकृत बैंकों के कस्टमर सर्विस प्वाइंट(सीएसपी) के मालिक, एक स्कूल प्रबंधन समिति, इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसर के अध्यक्ष के अलावा 12 बिचौलिए शामिल हैं।
माना जाता है कि गोलपारा जिले का रबी ऊल इस्लाम इस पूरी धोखाधड़ी का मास्टर माइंड था। उसने छात्रवृति निधि का गबन करने के लिए फर्जी आवेदन दाखिल किए और इनके माध्यम से धन की निकासी की।
पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति कोष में कथित रूप से हेराफेरी करने के लिए लोगों को पिछले महीने की शुरूआत में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, मामले के बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए सीआईडी की टीमें नियमित रूप से विभिन्न जिलों में छापेमारी कर रही हैं। (आईएएनएस)