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कोरोना थमा नहीं, बर्ड फ्लू की नई आफ़त आ गई
06-Jan-2021 10:01 AM
कोरोना थमा नहीं, बर्ड फ्लू की नई आफ़त आ गई

कोरोना की मुसीबत अभी बनी हुई ही थी कि भारत में एक और संकट खड़ा होता दिख रहा है.

देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू फैलने की ख़बरें आ रही हैं.

मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और झारखंड में बड़ी तादाद में पक्षियों की मौत अचानक से हुई है.

इसके बाद यह संदेह जताया जाने लगा था कि देश में बर्ड फ्लू फैल रहा है.

कई राज्यों से बर्ड फ्लू की ख़बरें

सोमवार को केरल, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान ने इस बात की पुष्टि कर दी कि उनके यहां बड़े पैमाने पर पक्षियों की मौत की वजह बर्ड फ्लू है.

मध्य प्रदेश में कौवों में इसकी पुष्टि हो चुकी है.

इसके अलावा, गुजरात और महाराष्ट्र से भी बर्ड फ्लू की ख़बरें आ रही हैं.

पोंग डैम के आसपास प्रवासी पक्षियों में मिला बर्ड फ्लू

हिमाचल प्रदेश के एनिमल हस्बेंडरी डिपार्टमेंट में सीनियर वेटनरी पैथोलॉजिस्ट और बर्ड फ्लू के नेशनल कंसल्टेंट डॉक्टर विक्रम सिंह कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में पोंग डैम का इलाक़ा इसका एपीसेंटर है और सोमवार तक क़रीब 2400 प्रवासी पक्षियों की मौत हुई है.

वे कहते हैं, "इस डैम के 10 किमी के दायरे में अलर्ट जारी किया गया है. लेकिन, अभी तक पॉल्ट्री में इसके लक्षण नहीं मिले हैं, क्योंकि इस इलाक़े में कोई पॉल्ट्री फ़ार्म नहीं है."

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मछलियों और पॉल्ट्री पर रोक

इस इलाक़े में मछलियों की ख़रीद-बिक्री पर इस वजह से रोक लगाई गई है क्योंकि पोंग डैम में पकड़ी गई मछलियों में यह फ्लू पक्षियों के ज़रिए पहुँच सकता है.

इसके अलावा हिमाचल प्रदेश सरकार ने कई इलाक़ों में एहतियातन पॉल्ट्री की ख़रीद-फ़रोख्त और मीट के लिए इन्हें काटने पर रोक लगा दी है.

इसके अलावा, पॉल्ट्री उत्पादों और मछलियों के निर्यात पर भी रोक लगा दी गई है.

इंदौर में डेली कॉलेज से शुरू हुआ बर्ड फ्लू

मध्य प्रदेश के इंदौर में पिछले हफ्ते से कौवों की मौत हो रही है और उनमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. इसके बाद प्रशासन ने बर्ड फ्लू का अलर्ट जारी कर दिया.

इंदौर संभाग के जॉइंट डायरेक्टर (वेटनरी सर्विसेज) डॉक्टर जीएस डाबर बताते हैं, "इंदौर के डेली कॉलेज कैंपस में रात में कौवे रुकने आते हैं. वहां पर पिछले एक हफ्ते से रोज़ाना 20-30 कौवे सुबह मरे मिल रहे हैं. इन कौवों का भोपाल की राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान में परीक्षण कराया गया. इनमें बर्ड फ्लू पाया गया. इंदौर में रविवार तक 114 कौवों की मौत हो चुकी है."

डॉक्टर डाबर बताते हैं कि इसके बाद पूरे इंदौर संभाग में यह अलर्ट जारी कर दिया गया कि जहां भी इस तरह की मौतें होती हैं वहां से इसे रिपोर्ट किया जाए.

मध्य प्रदेश में पक्षियों के बैठने वाली जगहों पर डिसइनफ़ेक्शन करवाने, पेड़ों के नीचे लोगों को जाने से रोकने, पक्षियों को पॉलिथीन में बंद करके ज़मीन में दबाने जैसे उपाय लिए जा रहे हैं.

मध्य प्रदेश में इंदौर के अलावा खंडवा, बड़वानी, मंदसौर, नीमच, सिहोर, रायसेन और उज्जैन समेत कई जगहों पर पक्षियों के मरने की ख़बरें आ रही हैं.

मध्य प्रदेश में कौवों के अलावा बगुलों के भी मरने की ख़बरें हैं. बड़वानी में कबूतरों के मरने की ख़बर है.

डॉ. डाबर कहते हैं कि हमने हेल्थ, फॉरेस्ट, नगर निगम और वेटनरी डिपार्टमेंट को निर्देश जारी किए हैं कि जहां भी ज्यादा संख्या में कौवे रात में बैठ रहे हैं वहां ज़मीन पर बीट के ज़रिए भी वायरस फैल सकता है. ऐसे में इन जगहों पर चूने से ज़मीन को धुलवाकर हाइपोक्लोराइड से उसे डिसइनफ़ेक्ट किया जाए.

बर्ड फ्लू वायरस के चलते पूरे मध्य प्रदेश को हाई अलर्ट कर दिया गया है और इसके लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है.

हरियाणा में मुर्ग़ियों में मिला बर्ड फ्लू

हरियाणा के बरवाला में गुज़रे कुछ दिनों में क़रीब एक लाख मुर्ग़ियों की मौत हुई है और इसके पीछे बर्ड फ्लू होने का शक जताया जा रहा है.

राजस्थान में कौवों के मरने का सिलसिला जारी है.

झालावाड़ ज़िले में कई कौवों की मौत हुई है और माना जा रहा है कि ऐसा एवियन इंफ्लूएंजा या बर्ड फ्लू फैलने की वजह से हो रहा है.

केरल में कुछ बत्तख़ों के टेस्ट करने पर उनमें भी बर्ड फ्लू निकला है.

किस वजह से फैला है बर्ड फ्लू?

डॉ. विक्रम सिंह कहते हैं कि एच5एन1 या एच7 तरह के जितने भी बर्ड इनफ्लूएंजा होते हैं, वे नैचुरली पैदा होते हैं. इकोलॉजिकल या एनवायरनमेंटल वजहों से जिन पक्षियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है उनमें यह वायरस पनप सकता है.

हालांकि, वे कहते हैं कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और दूसरी जगहों पर भी पक्षियों की मौत हो रही है और अभी यह साफ़ तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि यह वायरस कैसे फैलना शुरू हुआ है.

डॉ. डाबर कहते हैं कि सर्दियों के दौरान इंदौर में बाहर से बड़ी संख्या में कौवे आते हैं और ऐसा लग रहा है कि ये वायरस बाहर से आए हुए कौवों के ज़रिए फैला है.

जानकारों के मुताबिक़, यह वायरस म्यूटेट करता है.

भारत में पॉल्ट्री में मिलने वाला बर्ड फ्लू एच5एन1 वायरस है, जबकि कौवों में यह म्यूटेट किया हुआ रूप एच5एन8 पाया गया है.

क्या है बर्ड फ्लू और कितना ख़तरनाक है यह?

बर्ड फ्लू या एवियन इंफ्लूएंज़ा एक वायरल इंफ़ेक्शन है जो कि पक्षियों से पक्षियों में फैलता है. यह ज्यादातर पक्षियों के लिए जानलेवा साबित होता है.

साथ ही पक्षियों से इंसानों और दूसरे प्राणियों में पहुँचने पर यह उनके लिए भी घातक साबित होता है.

बर्ड फ्लू का पहला मामला 1997 में सामने आया था और तब से इससे संक्रमित होने वाले क़रीब 60 फ़ीसद लोगों की जान जा चुकी है.

लेकिन, इंसानी फ्लू से अलग बर्ड फ्लू एक शख्स से दूसरे शख्स में आसानी से नहीं फैलता है.

कुछ ही मामलों में मनुष्यों से मनुष्यों में यह ट्रांसमिट हुआ है और ऐसा उन लोगों में ही हुआ है जो एक-दूसरे के निकट संपर्क में आते हैं. (bbc)

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