राष्ट्रीय
इस बार गणतंत्र दिवस के मौक़े पर कोई भी विदेशी मेहमान मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं होगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि इस बार किसी भी देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के तौर आमंत्रित नहीं किया गया है.
साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड महामारी के कारण यह फ़ैसला लिया गया है. विदेश मंत्रालय ने यह घोषणा ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के भारत दौर रद्द करने के बाद की है.
इससे पहले बोरिस जॉनसन गणतंत्र दिवस की परेड पर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने वाले थे लेकिन उन्होंने अचानक से कोविड महामारी का हवाला देकर दौरा रद्द करने का फ़ैसला किया था.
यह दशकों में पहली बार होगा जब भारत बिना कोई राष्ट्र प्रमुख को मुख्य अतिथि बनाए गणतंत्र दिवस की परेड संपन्न करेगा. इससे पहले 1966 में ऐसा हुआ था जब गणतंत्र दिवस की परेड में कोई मुख्य अतिथि नहीं था. तब प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का ताशकंद में निधन हो गया था और भारत के परमाणु वैज्ञानिक होमी भाभा की प्लेन क्रैश में मौत हो गई थी.
अगर 1952, 1953 और 1966 के गणतंत्र दिवस की परेड को छोड़ दें तो हर परेड में विदेशी राष्ट्राध्यक्ष मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए हैं. 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस की परेड में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो पहले मुख्य अतिथि बने थे. पिछले साल के गणतंत्र दिवस की परेड में ब्राज़ील के राष्ट्रपति जायल बोरल्सोनारो मुख्य अतिथि थे. (बीबीसी)