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चोरी का माल मिलने का बाद चोरी का पता चला
21-Jan-2021 12:25 PM
चोरी का माल मिलने का बाद चोरी का पता चला

आम तौर पर आप पुलिस के पास चोरी की शिकायत लिखवाते हैं और उसके बाद पुलिस आपका सामान ढूंढती है. लेकिन इटली में तो चोरी हुई पेंटिंग बरामद होने के बाद पता चला कि वह कभी चोरी भी हुई थी.

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इटली के शहर नेपल्स के म्यूजियम को 500 साल पुरानी एक पेंटिंग लौटाई गई है. पुलिस को यह पेंटिंग नेपल्स के ही पास एक अपार्टमेंट में मिली. कमाल की बात यह थी कि म्यूजियम खुद ही नहीं जानता था कि उसके यहां से यह पेंटिंग कभी चोरी भी हुई थी. क्योंकि जब से इटली में कोरोना महामारी की दूसरी लहर शुरू हुई है, तब से यह म्यूजियम बंद पड़ा है.

म्यूजियम का नाम सेन डॉमेनिको मागियोरे म्यूजियम है और पेंटिंग येशु की है. इसे किसने बनाया, इस पर विवाद है लेकिन माना जाता है कि 16वीं सदी के पेंटर जियाकोमो अलीब्रांडी ने इसे बनाया है, जो इटली के मशहूर पेंटर लियोनार्डो दा विंची के शागिर्द थे.

पुलिस का कहना है कि उन्हें अपने एक सूत्र से जानकारी मिली थी जिसके बाद उन्होंने अपार्टमेंट पर छापा मारा. अपार्टमेंट के बैडरूम में मौजूद एक अलमारी में उन्हें यह पेंटिंग मिली. अपार्टमेंट के 36 वर्षीय मालिक को इस मामले में हिरासत में ले लिया गया है.

पुलिस का कहना है कि जिस किसी ने भी पेंटिंग चुराई है, वह किसी बड़े गिरोह का हिस्सा है जो इस तरह की मशहूर पेंटिंगों की तस्करी करता है. वहीं, हिरासत में लिए गए व्यक्ति का कहना है कि उसने इटली के एक कबाड़ी बाजार से इसे खरीदा था. पेंटिंग पुरानी है लेकिन उसे अंदाजा नहीं था कि वह कीमती भी है.

हैरत की बात यह भी है कि म्यूजियम में कोई खिड़की दरवाजा टूटा हुआ नहीं पाया गया है यानी मुमकिन है कि चोरी में म्यूजियम के किसी कर्मचारी का हाथ था. पुलिस द्वारा जारी की गई तस्वीरों में वह खाली दीवार देखी जा सकती है जहां इस पेंटिंग को मूल रूप से रखा गया था.

पुलिस अधिकारी जियोवानी मेलिलो ने बताया कि पेंटिंग को ढूंढ निकालना एक "बेहद पेचीदा ऑपरेशन" था लेकिन स्थानीय पुलिस की "सूझबूझ और मेहनत" के कारण इसे पूरा किया जा सका. उन्होंने कहा, "इस बारे में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई थी, बल्कि हमने खुद म्यूजियम से संपर्क किया. उसे इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी क्योंकि जिस कमरे में यह पेंटिंग रखी हुई थी, वह पिछले तीन महीनों से खोला ही नहीं गया है. पुलिस प्रमुख अल्फ्रेडो फाबरोचिनी ने इस बारे में कहा कि वे पेंटिंग के मिलने से बहुत खुश हैं "क्योंकि हमने केस शुरू होने से पहले ही उसे सुलझा दिया."

यह लियोनार्डो दा विंची की मशहूर पेंटिंग "साल्वातोर मुंडी" की एक नकल है जिसे उन्हीं के चेले अलीब्रांडी ने उनकी याद में बनाया था. असली पेंटिंग की कहानी भी दिलचस्प है. उसे 2017 में 45 करोड़ डॉलर में नीलाम किया गया था. यह नीलामी न्यूयॉर्क में हुई थी और कमाल की बात यह थी कि पेंटिंग खरीदने वाले का नाम गुप्त रखा गया था. बाद में खबर आई थी कि इसे सऊदी अरब के किसी शेख ने "लूव्र अबु धाबी" म्यूजियम के लिए खरीदा था. एक साल इस बाद इसे म्यूजियम में एक प्रदर्शनी में पेश किया जाना था लेकिन तब से अब तक किसी ने उस पेंटिंग को नहीं देखा है.  

आईबी/एके (एएफपी, रॉयटर्स)

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