राष्ट्रीय

बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए बहाया था 40 जवानों का खून, सुनियोजित राजनीति षड्यंत्र था पुलवामा का हमला-शिवसेना
21-Jan-2021 1:46 PM
बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए बहाया था 40 जवानों का खून, सुनियोजित राजनीति षड्यंत्र था पुलवामा का हमला-शिवसेना

मुंबई, 21  जनवरी : भारतीय जनता पार्टी अब हास्य-व्यंग्य का विषय बन गई है। रोज नए स्वांग-ढोंग रचकर जनता का मनोरंजन करने का प्रयोग वे करते ही रहते हैं, लेकिन उनके प्रपंची प्रयोग जनता को पसंद नहीं आते। ‘तांडव’ नाम की एक वेब सीरीज वर्तमान में प्रदर्शित हुई है। कहा जाता है कि यह सीरीज मौजूदा राजनीति की वास्तविकता पर आधारित है। दिल्ली की राजनीति, विश्वविद्यालयों में सियासी खींचतान, इस तरह के कुछ विषय इसमें दिखाए गए हैं। इस बीच इस सीरीज में हिंदू देवी-देवताओं के संदर्भ में कुछ आपत्तिजनक संवाद होने का हो-हल्ला भारतीय जनता पार्टी ने मचाया। भगवान शंकर और नारद के संवाद में श्रीराम का उल्लेख उपहासात्मक तरीके से किए जाने का ‘तांडव’ भाजपा ने शुरू किया। 

हिंदू देवी-देवताओं के संदर्भ में किसी भी प्रकार के अपमानजनक संवाद शिवसेना ने कभी भी बर्दाश्त नहीं किए हैं। एम. एफ. हुसैन निसंदेह महान चित्रकार थे, लेकिन उन्होंने हिंदू देवताओं के चित्र जिस तरह से बनाए, उस पर शिवसेना ने आपत्ति जताई थी। विवाद इतना बढ़ा कि एम. एफ. हुसैन को देश छोड़कर जाना पड़ा। अर्थात हिंदू देवी-देवताओं के अपमान पर किसी भी स्थिति में समझौता संभव ही नहीं है, परंतु भारतीय जनता पार्टी ने जो ‘तांडव’ शुरू किया है, उसमें प्रामाणिकता का अंश कितना है, उस पर संदेह है ही। क्योंकि जो ‘तांडव’ के विरोध में खड़ी है, वही भाजपा भारत माता का अपमान करनेवाले उस अर्णब गोस्वामी के संबंध में मुंह में उंगली दबाकर चुप क्यों बैठी है? हिंदुस्थानी सैनिकों का व उनकी शहादत का अपमान जितना गोस्वामी ने किया है, उतना अपमान पाकिस्तानियों ने भी नहीं किया होगा। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी समेत सुशीलकुमार शिंदे, सलमान खुर्शीद और गुलामनबी आजाद ने भी बुधवार को पत्रकार परिषद में इस पूरे मामले की जांच कराने व ‘सरकारी गोपनीयता अधिनियम’ के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। पूरे मामले को देशद्रोह ही बताते हुए कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे को संसद सत्र में उठाने के संकेत भी दिए हैं। इस प्रकरण में जो सच्चाई है, उसे सरकार को बाहर लाना चाहिए। एक तो ‘पुलवामा’ में हमारे सैनिकों की हत्या यह देशांतर्गत राजनैतिक षड्यंत्र था। 

लोकसभा चुनाव जीतने के लिए इन 40 जवानों का खून बहाया गया, ऐसे आरोप उस समय भी लगे थे। अब अर्णब गोस्वामी की जो व्हॉट्सऐप चैट बाहर आई है, वह उन आरोपों को बल देनेवाली ही है। ऐसा कहने के कारण हैं। ये सब देखकर स्वयं भगवान श्रीराम भी अपना माथा पीट रहे होंगे। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इस पर ‘तांडव’ तो छोड़िए, भांगड़ा भी नहीं किया। राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अनेक गोपनीय बातें गोस्वामी ने सार्वजनिक कर दीं, इस पर भाजपा ‘तांडव’ क्यों नहीं करती? चीन ने लद्दाख में घुसकर हिंदुस्थानी जमीन पर कब्जा कर लिया। चीन पीछे हटने को तैयार नहीं, इस पर ‘तांडव’ क्यों नहीं होता? गोस्वामी को गोपनीय जानकारी देकर राष्ट्रीय सुरक्षा की धज्जियां उड़ानेवाले असल में कौन थे, जरा पता चलने दो! गोस्वामी द्वारा 40 जवानों की हत्या पर आनंद व्यक्त करना, यह देश, देव और धर्म का ही अपमान है। ‘तांडव’ के निर्माता और निर्देशक के विरोध में भाजपा ने उत्तर प्रदेश और बिहार में अपराध दर्ज किए, यह अच्छी बात है पर जवानों की शहादत का अपमान करनेवाले गोस्वामी के विरोध में भी भाजपा इस तरह के अपराध जगह-जगह दर्ज करवाती है तो वे सच्चे मर्द। 

भारतीय जनता पार्टी द्वारा ली गई भूमिका पर आपत्ति जताएं, ऐसा कुछ नहीं है, लेकिन हिंदुत्व और भारत माता का अपमान केवल ‘तांडव’ तक ही सीमित नहीं है। श्री मोदी ये भगवान विष्णु के १३वें अवतार हैं, ऐसा भाजपा के प्रवक्ता द्वारा कहा जाना, यह ‘तांडव’ की तरह ही हिंदुत्व का अपमान है। यदि ‘तांडव’ सीरीज में कुछ आपत्तिजनक बातें होंगी और उसमें हिंदुत्व, हमारे देवी-देवताओं का अपमान होगा तो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मुद्दे पर कठोर कार्रवाई तो होगी ही। संक्षेप में कहें तो श्रद्धास्थान चाहे किसी धर्म के हों, उनके बारे में इस तरह के आपत्तिजनक शब्द कहना गलत ही है। ‘तांडव’ के किस दृश्य पर भाजपा को आपत्ति है और क्यों है, इस पर चर्चा करने में कोई दिक्कत नहीं है, पर अर्णब गोस्वामी के देशद्रोह के संबंध में चर्चा भी हुई तो पुलवामा हमले के शहीदों की आत्मा को शांति मिलेगी। पुलवामा हमले के संदर्भ में अर्णब का संवाद यह पाकिस्तानियों के लिए सहूलियतवाला ही है और इमरान खान इस पर प्रतिक्रिया दें, ये अलग ही विनिमय है।

भाजपा के कुछ नकबहों ने अब शगूफे छोड़े हैं कि अर्णब की गुप्त ‘चैट’ लीक होने के चलते मुंबई पुलिस पर कार्रवाई करो। अरे नकबहोेंं, तुम्हारे उस अर्णब ने देश की सुरक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी ही सार्वजनिक कर दी, पहले उस पर बोलो। इसके उलट मुंबई पुलिस ने देश पर उपकार किया है। ये आस्तीन के सांप देश की नींव पर ही आ गए थे। उनका फन मुंबई पुलिस ने कुचला तो भाजपा के नकबहों को संताप क्यों हो रहा है? हमें आश्चर्य होता है कि देश के तमाम तथाकथित राष्ट्रभक्त कहे जानेवाले मीडिया पर ये लोग खुद को देश का चौथा स्तंभ या जो कुछ समझते हैं! फिर उनमें से एक दीमक ने देश के चौथे स्तंभ को खोखला कर दिया, राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित गोपनीयता सार्वजनिक कर दी, उसने देशद्रोह ही किया फिर भी ‘मीडिया’ शांत क्यों? अब तक सुशांत, कंगना, ईडी, धनंजय मुंडे मामलों में चौबीसों घंटे बड़बड़ानेवाले अर्णब के देशद्रोही कृत्यों पर घृणा तो छोड़िए, लेकिन रोष तक न करें, तब दुख होता है। सौ ग्राम गांजा किसी के पास पकड़ा गया तो ‘तांडव’ करनेवाली मीडिया अर्णब के देशद्रोही कृत्यों पर ‘राष्ट्रीय बहस’ करने को तैयार नहीं। क्योंकि उन्होंने अपनी स्वतंत्रता और राष्ट्राभिमान किसी के चरणों में गिरवी रख दिया है। स्वतंत्रता की, राष्ट्रवाद की लड़ाई दूसरे लड़ें, ये मात्र राष्ट्र का चौथा स्तंभ बनकर घूमते फिरें! सब धंधा बन गया है, दोष आखिर किसे दें? ‘तांडव’ शुरू है, ये चलता ही रहेगा! (hindisaamana.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news