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दशक का पहला समावेशी बजट : कृषि मंत्री तोमर
01-Feb-2021 9:35 PM
दशक का पहला समावेशी बजट : कृषि मंत्री तोमर

नई दिल्ली, 1 फरवरी | केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्रीय बजट 2021-22 को इस दशक का पहला समावेशी बजट बताया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट 2021-22 संसद में पेश किया। तोमर ने कहा कि कृषि सुधार बिलों की ²ष्टि से जिनके मन में शंका है, वह इस बजट से दूर हो जानी चाहिए। इस बजट में सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के साथ ही एपीएमसी मंडियों को सशक्त बनाने का प्रावधान किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि किसान संगठन अपनी शंका दूर होने के बाद इस विषय पर सकारात्मक रूप से विचार करेंगे।

बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा, "इसमें हर वर्ग और हर क्षेत्र का समग्रता से ध्यान रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम स्वस्थ भारत और सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में अग्रसर हैं। यह बजट उसी दिशा में मार्ग प्रशस्त करने वाला है।"

उन्होंने कहा कि आम बजट में आत्मनिर्भरता का ध्येय निहित है और कोरोना संकटकाल के बाद देश के विकास को रफ्तार देने के लिए समुचित प्रयास एवं प्रावधान किए गए हैं। तोमर ने कहा कि बजट की सकारात्मता इसी बात से साबित होती है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किए जाने के साथ ही बाजार एवं हर वर्ग की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलने लगीं।

कृषि मंत्री ने कहा, "वर्ष 2021-22 का बजट प्रस्ताव 6 स्तंभों पर आधारित है। इसमें मानव कल्याण और विकास का पूर्ण सार समाहित है। इन स्तंभों में स्वास्थ्य एवं खुशहाली, भौतिक एवं वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी को फिर से ऊर्जावान बनाना, नवाचार और अनुसंधान व विकास एवं न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन को शामिल किया गया है।"

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष में अब मंडियों को भी शामिल किया गया है। इससे मंडियां सशक्त होंगी और वहां पर बड़ी अधोसंरचनाएं विकसित हो पाएगी। उन्होंने बताया कि कृषि के क्षेत्र में किसानों को जहां पहले 7 लाख करोड़ रुपये तक का सालाना ऋण मिल पाता था, वहां मोदी सरकार में इसे पहले 15 लाख करोड़ रुपये किया गया और अब इस बजट में 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।

तोमर ने कहा कि देश में और 1,000 मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा। नाबार्ड के अंतर्गत बनाए सूक्ष्म सिंचाई कोष को दोगुना बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये करने के साथ-साथ कृषि व संबद्ध उत्पादों और उनके निर्यात में मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने के लिए ऑपरेशन ग्रीन्स स्कीम का दायरा बढ़ाकर इसमें 22 और जल्द खराब होने वाले उत्पादों को शामिल किए जाने को कृषि मंत्री ने सकारात्मक कदम बताया।

उन्होंने कहा कि पंचायती राज मंत्रालय द्वारा महात्वाकांक्षी योजना स्वामित्व के तहत अब तक 6 राज्यों के 1241 गांवों के 1.80 लाख ग्रामीणों को उनके मकानों का मालिकाना हक प्रदान किया गया है।

उन्होंने कहा कि यह योजना गांवों के सशक्तीकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। इसके साथ ही ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास निधि 30,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये की जाएगी।  (आईएएनएस)

 

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