राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 मई। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत प्रदेश में राजनांदगांव जिले में सर्वाधिक श्रमिकों को रोजगार दिया गया है। श्रमिकों को रोजगार देने में राजनांदगांव जिला प्रदेश में पहले स्थान पर है। जिले में श्रमिकों को रोजगार देने की दिशा में कारगर कदम उठाए गए हैं। जिसके सार्थक परिणाम रहे और विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिकों को कार्य मिला।
राजनांदगांव के 813 ग्राम पंचायतों में से 623 ग्राम पंचायत में 66 हजार 190 श्रमिक कार्यरत हैं। इस प्रकार प्रतिदिन लगभग 66 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर के निर्देशन में श्रमिकों को रोजगार देने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। जिले में कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान भी श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया गया। जिससे पलायन को रोकने में मदद मिली। वहीं अन्य राज्यों से जिले में आए श्रमिकों को भी रोजगार प्रदान किया गया। डबरी निर्माण के माध्यम से जल स्तर बढ़ाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि जिले में नया तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, नरवा बंधान, शेड निर्माण, डबरी निर्माण, कुंआ निर्माण जैसे कार्य मनरेगा के तहत किए जा रहे हैं।
श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर व्यापक रूप से रोजगार उपलब्ध कराया गया। राजनांदगांव जिले के अंबागढ़ चौकी विकासखंड में 6 हजार 784 व्यक्तियों को रोजगार दिया गया। इसी तरह छुईखदान विकासखंड में 9 हजार 98 व्यक्तियों को, छुरिया विखं में 11 हजार 136 व्यक्तियों को, डोंगरगांव विखं में 4 हजार 633 व्यक्तियों को, डोंगरगढ़ विखं में 5 हजार 539 व्यक्तियों को, खैरागढ़ विखं में 9 हजार 692 व्यक्तियों को, मानपुर विखं में 3 हजार 714 व्यक्तियों को, मोहला विखं में 5 हजार 645 व्यक्तियों को तथा राजनांदगांव विखं में 9 हजार 949 श्रमिक कार्यरत हैं।