राजनांदगांव

महापौर देशमुख के तीसरे बजट में भाजपा पार्षदों के साथ सत्तारूढ़ दल की तीखी नोक-झोंक
12-May-2022 2:01 PM
महापौर देशमुख के तीसरे बजट में भाजपा पार्षदों के साथ सत्तारूढ़ दल की तीखी नोक-झोंक

बजट में शहर विकास के लिए कई घोषणाएं, विपक्ष ने कहा बजट धरातल से परे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 मई।
महापौर हेमा देशमुख ने गुरुवार को अपने कार्यकाल का तीसरा बजट प्रस्तुत किया। 25 लाख के घाटे वाले बजट में प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं के संग गढ़बो नवा राजनांदगांव की परिकल्पना को लेकर महापौर श्रीमती देशमुख ने विकास के लिए नई घोषणाएं की। बजट प्रस्तुत करने के दौरान जैसे ही महापौर सदन में पहुंची, भाजपा पार्षदों ने टैंकरमुक्त शहर करने के पुराने वादे को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।

गोबर से निर्मित ब्रीफकेस को लेकर सदन में चर्चा करने से पूर्व महापौर को विपक्षी पार्षदों ने घेरने की कोशिश की। इस दौरान महापौर पर पुराने बजट में किए गए वादों को अधूरा छोडऩे पर भाजपा पार्षदों ने शोरगुल किया। महापौर को घेरने की कोशिश में लगे पार्षदों को जवाब देने के लिए कांग्रेस पार्षदों ने भी हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान सत्तापक्ष औरविपक्ष के बीच काफी नोक-झोंक हुई। विपक्षी पार्षदों पर सवाल खड़ा करते महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि दो साल की अवधि में अमृत मिशन योजना से शहर की प्यास बुझाने का वादा पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने किया था।

कोरोनाकाल के गंभीर चुनौती के बीच अब मिशन का कार्य समाप्ति की ओर है। महापौर का दावा है कि टैंकर से पेयजल आपूर्ति में गिरावट आई है। सिर्फ शहर में 70 स्थानों में टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है। उधर 2021-22 के बजट प्रावधानों के विरुद्ध पुनरीक्षित आय 361 करोड़  52 लाख 34 हजार रुपए तथा पुनरीक्षित व्यय 383 करोड़ 29 लाख 63 हजार रुपए है। बजट अनुमान अंतर्गत कुल अनुमानित आय 472 करोड़ 18 लाख 21 हजार रुपए तथा व्यय 503 करोड़ 11 लाख 46 हजार रुपए था। जबकि वष्र 2021-22 में प्रारंभिक अवशेष 30 करोड़ 47 लाख 99 हजार रुपए था। वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट प्रावधान में प्रस्तावित आय 434 करोड़  22 लाख 35 हजार रुपए तथा व्यय 466 करोड़ 5 लाख 51 हजार रुपए है। वर्ष 2022-23 का अनुमानित प्रारंभिक अवशेष राशि 31 करोड़ 57 लाख 55 हजार रुपए की संभावना है। इसे मिलाकर कुल आय 465 करोड़ 79 लाख 90 हजार होता है। इस प्रकार घाटे का बजट 25 लाख 61 हजार रुपए प्रस्तावित है।
 

सदन के बाहर बाल्टी लेकर धरना
निगम के बजट के दौरान भाजपा पार्षदों का सत्तारूढ़ दल के साथ विवाद सदन के बाहर आ गया।  सदन में मुद्दों को लेकर दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की की नौबत आई। आपसी तनातनी के चलते  कांग्रेस और भाजपा पार्षद एक-दूसरे को घेरने अमादा रहे। सदन में पेयजल समस्या को लेकर भाजपा पर दोष मढ़ते कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में अमृत मिशन योजना की शुरूआत हुई थी। इसके लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार जिम्मेदार है। इस बात को सुनकर विपक्षी पार्षद एकजुट हो गए और नारेबाजी करने लगे। जवाब में कांग्रेस पार्षदों ने भी रमन सिंह समेत अन्य नेताओं के खिलाफ नारेबाजी की। इधर बहसबाजी के बीच मामला शांत नहीं हुआ और मुद्दों से भटकने का आरोप लगाते भाजपा पार्षदों ने सदन का बहिष्कार कर दिया और मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए। प्लास्टिक की बाल्टी लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि पेयजल समस्या को दूर करने में महापौर नाकाम रही है। राजनांदगांव शहर पानी के लिए तरस रहा है। नियमित पानी की आपूर्ति नहीं होने के लिए विपक्षी पार्षदों ने महापौर को घेरते कहा कि एक अरब 4 करोड़ रुए का बजट पेश कर शहर को सिर्फ झूठे सपने दिखाए जा रहे हैं। पूर्व के बजट के लिए राज्य सरकार ने सिर्फ 10 करोड़ रुपए दिए थेे। ऐसे में नए बजट सिर्फ छलावा है।

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