रायपुर
केस फूटा, मकान दिलाने के नाम पर ठग लिए लाखों
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जून। शहर में नगर निगम द्वारा बनाए जा रहे बीएसयूपी मकान दिलाने के नाम पर ठगी का बड़ा खेल चल रहा है। तेलीबांधा में पूर्व में एक मामला सामने आने के बाद नया केस फूटा है। कुछ लोगों ने मकान दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठग लिए। पांच लाख रुपये से ज्यादा की ठगी की शिकायत पर पुलिस ने अपराध दर्ज किया। इसके पहले ही तेलीबांधा थाना में राजनीतिक संगठन से जुड़े एक कथित नेता और उसके सहयोगी की गिरफ्तारी हुई थी। अब नए मामले में भी राजनीतिक प्रभाव दिखाकर लोगों को ठगने का अंदेशा है। नगर निगम सीमा क्षेत्र में ही आने वाले छह महीने में झुग्गी बस्तियों के व्यवस्थापन के साथ में लगभग तीन हजार लोगों के लिए व्यवस्थापन की योजना बनाई है, जबकि हाल ही में मकान किराएदारों के लिए भी निगम ने आवेदन आमंत्रित किया है। इसी बीच अब प्रस्तावित कॉलोनियों में मकान दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। दो बड़े मामले फूटने के बाद आशंका है कि शहर के अलग-अलग हिस्सों में ठग गैंग सक्रिय हैं। प्रारंभिक शिकायत पर मोहम्मद अंसारी नामक व्यक्ति ने श्यामू चेलक के खिलाफ में रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि श्यामू ने खुद को नगर निगम का कर्मचारी बताकर प्रार्थी और उसके परिचितों ने काठाडीह और संतोषी नगर क्षेत्र में आवास दिलाने के नाम पर पांच लाख 11 हजार रुपये ठग लिए। नई शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने एफआईआार दर्ज किया। यह मामला तब सामने आया है जब शहर में गरीब तबके के लोगों को आवास दिलाने आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई है। मालूम हुआ है आरोपी ने जनवरी महीने में संपर्क करने के बाद कई बार पीडि़तों को नगर निगम मुख्यालय बुलाया। यहां पर जनप्रतिनिधियों से करीबी संबंध बताने के साथ ही अफसरों से भी अच्छी पहचान होने के दावे किए। इस तरह से भरोसा दिलाकर आरोपी ने पीडि़तों से रकम वसूल कर लिए। जोन स्तर पर ठगी का बड़ा खेल चल रहा है। इस संबंध में रायपुर के माहापौर एजाज ढेबर लगातार कार्रवाई की बात कह रहे हैं। जोन स्तर पर कई बार निर्देश भी दे चुके। तेलीबांधा में सामने आए नए केस को लेकर उनसे संपर्क की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो पाई।
आवंटन प्रक्रिया जाम होने से ठग सक्रिय
शहर में लाभांडी, अम्लीडीह, हीरापुर, काठाडीह, कचना, परसूलीडीह, बाराडेारा रोड, धनसूली समेत कई जगहों पर बीएसयूपी के तहत मकान बनने के बाद लंबे समय से इसका आवंटन रूका हुआ है। इस वजह से भी ठग अब सक्रिय हैं। निगम ने कोविड कॉल के दौरान आवंटन की प्रक्रिया पूरी तरह से स्थगित करने का फैसला लिया था। शहर के अनलॉक होने के बाद ठगों ने कॉलोनियों में पैर जमा लिया। मालूम हुआ है कि जोन अफसरों का भी प्रभाव बताकर एडवांस में 70 लाख रुपये से लेकर डेढ़ लाख रुपये की वसूली चल रही है। जिले के मूल निवासियों के बगैर बाहरी शहरों और दूसरे राज्यों से आने वालों को भी मकान दिलाने भरोसा दिखाया गया है। केस सामने आने के बाद अब मामले उजागर होने लगे हैं।
सस्ती कीमत देखकर हितग्राहियों की कतार
निगम की तरफ से आवेदन मंगवाए जाने के बाद फ्लैट की सस्ती कीमत होने से भी हितग्राहियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। महिलाओं के नाम पर सब्सिडी दिए जाने के बाद ज्यादातर लोग आवेदन कर रहे हैं। आवेदन की संख्या क्षेत्र के हिसाब से काफी ज्यादा होने से आवंटन के बहाने लोगों ने ठगी करने का रास्ता बना लिया है। ऐसे इलाके जहां पर नई कॉलोनियां बस चुकी है और नगर निगम द्वारा आवासीय प्लान बनाया गया है, उन हिस्सों में ठग सक्रिय हैं। नगर निगम की तरफ से इस संबंध में मॉनिटरिंग के लिए कोई भी सिस्टम नहीं बन सका है। इसका फायदा उठागर ठग लोगों से गाड़ी कमाई वसूल करने में लगे हुए हैं।