रायपुर
खुले में आरक्षक को मिला था बैग, इमानदारी को सलाम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 जुलाई। नवा रायपुर में झाडिय़ों के बीच मिले 45 लाख रुपये को सही सलामत थाने तक पहुंचाने यातायात आरक्षक निलांबर सिन्हा ने बिना किसी संदेह ईमानदारी का परिचय दिया है। आरक्षक ने अपनी नीयत साफ रखते हुए पूरी शिद्दत से अपनी निष्ठा का परिचय दिया है। जहां तक रुपयों को लावारिस हालत में फेंके जाने की बात है, इसने जरूर कई तरह की चर्चाओं जन्म दे दिया है। बड़ी रकम को छोड़ जाने या फिर छिपाने की मंशा अभी भी साफ नहीं हो पाई है या फिर मौके पर भी ऐसा कोई सुराग नहीं है जिससे पुलिस लाखों रुपये फेंके जाने की गुत्थी सुलझाने की स्थिति में है। जिस तरह से बैग बरामद हुआ है उसने कई तरह के सवाल खड़े कर दिया है। एयरपोर्ट के रास्ते जब बैग मिला उस वक्त जुआरियों के फड़ से निकली हुई रकम को लेकर चर्चा गरमाता रहा। इसके बाद कुछ लोग हवाला के पैसे होने की बात कहते रहे। तमाम अटकलों के बीच किसी के यहां जांच एजेंसियों के छापे के डर की वजह से भी रुपयों से भरा बैग सूनसान जगह में झाडिय़ों के बीच फेंके जाने को लेकर माहौल बनता दिखा। हालांकि पूरे मामले को लेकर पुलिस ने रुपये किसके थे और कहां से लाकर उसे डंप किया गया, इस बिंदु पर जांच शुरू करने के बारे में बताया। मौके पर जो हालात रहे हैं वहां से यह भी प्रतीत होता है कि प्री प्लांड तरीके से बैग को ठिकाने लगाया गया हो। जिस जगह में आरक्षक को बैग मिला बता दें कहीं भी सीसीटीवी कैमरा नहीं है। यहां से फुटेज के बारे में भी पता नहीं चला। एयरपोर्ट जाने वाले मार्ग में ही कैमरा लगा हुआ है। रेडियंट पब्लिक स्कूल के नजदीक अज्ञात ने बैग को ठिकाने लगाया। बहरहाल इस पूरे मामले में एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने शनिवार की शाम बड़ा खुलासा किया। भारी भरकम पैसे जब्त कर आरक्षक निलांबर सिन्हा की पीठ थपथपाई।
हवाले में रुपयों की अफरा-तफरी
लाखों रुपये के हवाला से संबंध होने को लेकर भी शक है। शहर के आउटर से पहले भी रुपयों से भरा बैग जब्त हो चुके हैं लेकिन रकम गाडिय़ों की डिक्की या फिर दोपहिया से बरामद हुए। यह ऐसा पहली बार हुआ जब खुले जगह में किसी ने लावारिस रुपयों से भरा बैग ठिकाने लगाया। इस तरह का पहला मामला होने से हवाला की राशि को लेकर कम किसी दूसरे संदिग्ध गतिविधियों के ताल्लुक होने का भी शक ज्यादा है। नोटों के बंडल सेट हैं। फिलहाल इन रूपयों के मिलने की सूचना पुलिस ने आयकर विभाग को नहीं दी है।
माना पुलिस को नहीं मिली सूचना
बड़ी रकम मिलने के बाद आरक्षक निलांबर ने अपनी प्रभारी यातायात अफसर को इस बारे में जानकारी दी थी। निलांबर ने छत्तीसगढ़ से चर्चे के दौरान बताया, जब उसने बैग खोलकर देखा तो दंग रह गया। लाखों रुपये के बारे में प्रभारी को बताया। वरिष्ठ अफसरों ने बैग कंट्रोल रूम लाने के लिए कहा कि वह भी तत्काल रवाना हो गया। माना थाना पुलिस को अगर सूचना दी होती तो मौके पर पंचनामा कार्रवाई कर रकम को कब्जे में लिया गया होता, बिना किसी देरी के आरक्षक को तत्काल बैग जमा करने कहा गया। निलांबर ने भी वरिष्ठ अफसरों के निर्देश का पालन करते हुए सूझबूझ से रुपये सिविल लाइंस तक पहुंचाया।
लाखों से ज्यादा सुकुन की चाहत
आरक्षक निलांबर ने छत्तीसगढ़ से चर्चे के दौरान कहा कि लाखों रुपये के लालच से अच्छा सुकुन की चाहत है। घर में तीन बेटियां और पत्नी है जिन्हें पुलिस की ईमानदार नौकरी पर गर्व होता है। मोटी रकम हाथ लगने के बाद भी उनकी नीयत नहीं डोली। आरक्षक निलांबर ने 2008 में जिला बल में भर्ती होने के बाद से अच्छी आदतों को ही ग्रहण किया है।