रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 जुलाई। डीए और एचआरए की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ शासकीय कर्मचारी-अधिकारी संघ का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। हड़ताल को लेकर सरकार की ओर से बातचीत की अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। सहायक शिक्षकों ने पहले भी हड़ताल किया था। सरकार की तरफ से कहा जा रहा था, कि बातचीत के लिए उनका दरवाजा खुला हुआ है । स्कूल शिक्षा मंत्री और अधिकारियों ने आशवासन दिया था। जिसके बाद भी प्रशासन कि ओर से कोई कार्यवाही नहीं कि गई। जिसपर कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन सम्पूर्ण हड़ताल करने का निर्णय लिया है।
संघ ने कहा कि आज हड़ताल का दूसरा दिन है,सरकार की ओर से अबतक कोई पहल नही किया गया। विधानसभा का सत्र चल रहा । फिर भी सरकार की तरफ से बुलाकर बात करने का कोई संकेत नहीं मानसून सत्र के बाद भी हड़ताल से पहले सरकार ने बुलाकर बात नहीं की । सरकार के अधिकारी चाहते तो सत्र का हवाला देकर हड़ताल को रोकवा सकते थे । सत्र की बात पर फेडरेशन भी हड़ताल को आगे - पीछे करने पर शायद तैयार हो जाता । लेकिन , ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
संघ का कहना है कि राज्य बनने के बाद यह पहला मौका होगा , जब विधानसभा का सत्र चल रहा है और अधिकारी , कर्मचारी हड़ताल पर हैं । अभी तक यही होते आया है कि विधानसभा सत्र प्रारंभ होने से हफ्ता भर पहले कर्मचारियों , अधिकारियों को सत्र के दौरान मुख्यालय न छोडऩे का आदेश दे दिया जाता था । इस दौरान आमतौर पर छुट्टी भी नहीं मिलती थी । लेकिन , इस बार डीए और एचआरए की मांग के कारण आफिसों में कामकाज ठहर सा गया । हालांकि , विधानसभा सत्र की घोषणा से पहले ही कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने हड़ताल का ऐलान कर दिया था । इसे शिक्षक संघों ने समर्थन देने का भरोसा दिया था । यही वजह है कि आफिसों से लेकर स्कूलों तक में तालेबंदी की स्थिति है ।
मंत्रालय से लेकर विभागाध्यक्ष भवन में वीराना छाया है । जिन अधिकारियों का पुराना रायपुर में भी बैठने का इंतजाम है , वे नया रायपुर नहीं गए । सरकारी स्कूलों में आज एक भी टीचर स्कूल नहीं गया ।