रायपुर
जल मिशन योजना के तहत खोदे गए गड्ढों की भरपाई पीडब्ल्यूडी से
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 जुलाई। देवपुरी मार्ग में सडक़ चौड़ीकरण के लिए दो बार टेंडर फेल होने के बाद अब तीसरे प्रयास से काफी उम्मीदें है। महीनों से ठप पड़े कामकाज के बीच जल मिशन योजना के तहत खोदे गए गड्ढों ने मार्ग में मुसीबत बढ़ा रखी है। गड्ढों की भरपाई के लिए पीडब्ल्यूडी ने काम शुरू किया है। विभाग को उम्मीद है कि तीसरी बार टेंडर जारी होने के बाद वर्क आर्डर जारी हो सकेगा।
कुछ दिनों पहले ही मार्ग में बदहाल स्थिति को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पीडब्ल्यूडी कार्यालय पहुंचकर सडक़ का काम जल्द से जल्द पूरा करने के लिए ज्ञापन सौंपा था। मंगलवार को छत्तीसगढ़ से चर्चे के दौरान पीडब्ल्यूडी संभाग के ईई राजीव नशीने बताया, मार्ग में चौड़ीकरण कार्य के लिए टेंडर की प्रक्रिया अब तेज कर दी गई है। जल्द ही टेंडर फाइनल हो जाएगा। इसके बाद वर्क आर्डर जारी करते ही चौड़ीकरण कार्य कम से कम समय में पूरा कर लिया जाएगा। बारिश को ध्यान में देखते हुए अभी मार्ग के जिन हिस्सों में गड्ढे हैं वहां पर सुधार कार्य प्रारंभ किया जा चुका है।
जोन क्रमांक 10 के अंतर्गत वार्ड 52 और 53 के साथ लगे हुए भाग में सडक़ चौड़ीकरण का कार्य किया जाना है। इसके लिए विभाग ने टेंडर को मंजूरी दे दी है। बताया गया है कि पूर्व में दो बार टेंडर जारी होने के बाद काम के लिए किसी भी एजेंसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। दोनों बार टेंडर की प्रक्रिया फेल हो गई। अब तीसरी बार नए सिरे से टेंडर जारी कर दिया गया है। इस बार एजेंसी के फाइनल हो जाने के बाद वर्क आर्डर जारी कर दिया जाएगा।
दो किलोमीटर में खर्च होंगे सवा चार करोड़
सडक़ चौड़ीकरण कार्य के लिए दो किलीमीटर की लंबी नई सडक़ें बनाने के लिए लगभग सवा चार करोड़ रुपये तक खर्च होगा। पुराने समय में बनाई गई सडक़ की चौड़ाई 3.50 मीटर है। सडक़ चौड़ीकरण करने के बाद इसकी चौड़ाई बढक़र 5.30 मीटर तक हो जाएगी। पुराना लालपुर की तरफ से यातायात का दबाव बढऩे के साथ देवपुरी मार्ग में भी वाहनों का लोड अब पहले से काफी ज्यादा है। राज्य शासन के पूर्व स्वीकृत कार्य योजना के तहत सडक़ चौड़ीकरण का काम शुरू किया गया है।
पाइप लाइन बिछाकर बदतर हालत में छोड़ा
जल मिशन योजना के तहत करीब ढाई किलोमीटर की चाल में पाइप लाइन बिछाने का काम किया गया है। नगर निगम की ओर से पाइप लाइन बिछाने के बाद ज्यादातर हिस्सों को बदतर स्थिति में छोड़ दिया गया। सूखे के दिनों में गड्ढा खोदकर अमला लौट गया। बारिश होने के बाद इस सडक़ में स्थिति पहले से और ज्यादा खराब हो गई। पीडब्लूडी की सडक़ के लिए विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए स्थानीय लोग विरोध पर उतर आए।