रायपुर
सरकार की सेहत बेअसर रहेगी, विपक्ष खामियां उजागर करना चाहता है
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 जुलाई। कल विधानसभा में 15 वर्ष बाद सत्तारूढ़ हुई कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा के दिए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इसके लिए स्पीकर चरणदास महंत ने पांच घंटे का समय तय किया है। इसकी परिणति सभी को मालूम है। प्रस्ताव का 13अधिक से अधिक 18 के मुकाबले 67 मतों के अंतर से गिरना भी तय है।
विपक्ष की 22 वर्षों से सबसे कम संख्या को देखते हुए सरकार को कहने के लिए भी खतरा नहीं है। प्रस्ताव के पीछे लाकर भाजपा विधायक दल ने सरकार के पौने चार साल की खामियों को उजागर करने की रणनीति है। साथ ही भाजपा अगले वर्ष होने वाले चुनाव से पहले एक राजनीतिक संदेश देना चाहती है कल सदन में प्रश्नकाल के बाद इस पर चर्चा शुरू होगी जो तय समय पांच घंटे से कुछ अधिक चल सकती है।
विपक्ष की ओर से डा. रमनसिंह (कोरोना पीड़ित) को छोड़ कर भाजपा के सभी 13, सीजेजेसी के तीन, बसपा के दो विधायक सरकार पर निशाना साधेंगे। कांग्रेस की ओर से भी मंत्री सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू अनुपस्थित रहेंगे। प्रस्ताव नामंजूर करने के लिए सरकार की तरफ से 20 विधायकों का मत ही काफी है। सरकार के पास इससे अधिक विधायक हैं। कांग्रेस के मुख्य सचेतक ने सभी विधायकों की मौजूदगी अनिवार्य कर दिया है। विपक्ष की ओर से बृजमोहन अग्रवाल चर्चा की शुरुआत करेंगे तो सत्ता पक्ष से धनेंद्र साहू पहला पलटवार करेंगे। चर्चा में आधा दर्जन मंत्रियों को वार करने का अवसर मिलेगा।