दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 28 जुलाई। सिहावा की कांग्रेस विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव पर दुर्ग जिला कोर्ट में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। उन पर लाभ के दोहरे पद में रहने और पूर्णिमा ठाकुर नाम की महिला से गर्व इंस्टीट्यूट का मेंबर व डायरेक्टर बनवाने का लालच देकर 23 लाख 50 हजार रूपये की ठगी का आरोप है। इस मामले की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग अमृता दिनेश मिश्रा की अदालत में हुई। शिकायत व साक्ष्य का अवलोकन करने के बाद विधायक के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। दुर्ग कोर्ट ने विधायक को समन भी जारी कर दिया है।
इस मामले में विस्तृत जानकारी के लिए अधिवक्ता बीपी सिंह ने बताया कि डॉ. लक्ष्मी ध्रुव भिलाई के पुरई उतई स्थित गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान की अध्यक्ष थीं। वह इस पद पर 2010 से 2018 तक पदस्थ रहीं। इसी दौरान उनकी मुलाकात प्रगति महिला गोंड़वाना समाज की सदस्य सेक्टर -7 भिलाई निवासी पूर्णिमा ठाकुर पति प्रहलाद सिंह ठाकुर से हुई।
आरोप है कि विधायक लक्ष्मी ध्रुव ने पूर्णिमा को गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान में सदस्य और उसके बाद डायरेक्टर बनाने का लालच दिया और पूर्णिमा ठाकुर से 23 लाख 50 हजार रुपए की डिमांड की। पूर्णिमा ठाकुर ने अलग-अलग चेक के माध्यम से यह रूपये बाकायदा संस्थान के खाते में ट्रांसफर भी किए हैं।
बताया जाता है कि पूर्णिमा ठाकुर ने 2010 में यह संस्थान ज्वाइन किया था। वह डायरेक्टर बनीं और 2013 तक कार्य कर 1300 रुपए प्रतिमाह पेट्रोल भत्ता भी लिया। इसके बाद लक्ष्मी ध्रुव ने पूर्णिमा ठाकुर को यह कहते हुए निकाल दिया कि संस्था की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। लेन देन की रकम वापस मांगने पर विधायक ने पूर्णिमा ठाकुर को रकम का न तो हिसाब दिया गया और न ही उसे वापस किया गया।
इसके बाद एक साथ लाभ के दो पदों पर रहने का आरोप लगाते हुए पूर्णिमा ने दुर्ग जिला न्यायालय में परिवाद दायर कर यह आरोप भी लगाया कि लक्ष्मी ध्रुव एक साथ लाभ के दो पदों पर पदस्थ रही हैं। गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान में अध्यक्ष रहने के दौरान ही वे शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्व शासकीय महाविद्यालय दुर्ग असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहीं। लक्ष्मी ध्रुव की महाविद्यालय में नियुक्ति 13 जनवरी 1988 से है, वे यहां 8 अक्टूबर 1993 को परमानेंट हुईं और 31 जुलाई 2017 तक कार्यरत रहीं। इस दौरान लक्ष्मी ध्रुव दोनों जगहों से ही लाभ लेती रहीं। इस तरह वह 2010 से 2017 तक दोहरे लाभ के पद पर कार्यरत रहीं, जो कि कानूनन अपराध है। न्यायालय में प्रमाण के तौर पर सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजों को भी पेश किया गया है।
गौरतलब हो कि विधायक चुने जाने के बाद भी लक्ष्मी ने गर्व इंस्टीट्यूट में किया काम है। लक्ष्मी ध्रुव ने सिहावा विधानसभा से 2018 में चुनाव जीता और विधायक बनीं। इसके बाद भी वो गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान चेयरपर्सन के रूप में कार्य करती रहीं। उन्होंने गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान को 2019-2020 की मान्यता दिलाने के लिए संस्थान की चेयरपर्सन के रूप में अपने हस्ताक्षर करके ऑल इंडिया काउंसिल टेक्निकल नई दिल्ली को पत्र भी लिखा है।
सामाजिक कार्य के लिए ज्वाइन किया था-विधायक
विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव का कहना है कि जिस महिला ने झूठा आरोप लगाया है वह भी सोसायटी की मेंबर है। उसने आपसी द्वेष से बेबुनियाद आरोप लगाया है, मैं उसका जवाब कोर्ट में दूंगी। महिला के ऊपर मानहानि का दावा करूंगी। महिला ने जो रुपए दिए हैं वो सोसायटी में दिया है। मुझे व्यक्तिगत रूप से कोई रुपया नहीं दिया गया है, हमें अपने सीएसआर में सामाजिक कार्य दिखाना पड़ता है, इसलिए उस संस्था की सदस्य मैं बनी थी और यहां कोई लाभ मैंने नहीं लिया।