दुर्ग

टीबी मुक्त छत्तीसगढ़ का लक्ष्य लेकर गोबरा पहुंचे टीबी चैंपियन
29-Jul-2022 3:56 PM
टीबी मुक्त छत्तीसगढ़ का लक्ष्य लेकर गोबरा पहुंचे टीबी चैंपियन

रोग के लक्षण आने पर बलगम की जांच कराने की सलाह

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 29 जुलाई।
छत्तीसगढ़ को साल-2023 तक टीबी मुक्त करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जिले में भी हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन व विशेषकर टीबी चैंपियन के माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में लगातार जनजागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कई जगहों पर टीबी रोग से बचाव के लक्षणों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है तो कहीं टीबी रोग के लक्षण आने पर बलगम की जांच कराने की सलाह दी जा रही है।
टीबी (क्षय) रोग पर नियंत्रण के उद्देश्य से जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में सघन सर्वे अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत टीबी रोग के संभावित मरीज को चिन्हित करने के लिए सभी आयु वर्ग के लोगों की जांच की जा रही है। रोग की पुष्टि होने की स्थिति में नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में पीडि़त का उपचार शुरू कराया जाएगा।

इस पूरे कार्यक्रम की सफलता के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि की अगुवाई में टीबी चैंपियन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन की टीम गांव व शहर में संभावित टीबी रोग के लक्षण से ग्रसित लोगों के घर पहुंच रही है और जांच के लिए सैंपल संग्रह किया जा रहा है।

इसी बीच सरपंच मोगरा बाई निषाद की अगुवाई में टीबी चैंपियन लालेंद्र साहू, खुशबू साहू और राजेश देशलहरे की एक टीम ने धमधा ब्लॉक के ग्राम गोबरा (पेंड्री) स्थित हाई स्कूल और ग्राम पंचायत में भी टीबी रोग के कारणए लक्षण तथा इससे बचाव के उपायों की जानकारी देने के लिए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया।
उन्होंने ग्रामीणों से भेंटकर साल 2023 तक जिले को टीबी मुक्त करने के लक्ष्य पर आधारित व्यापक चर्चा की।

इस संबंध में जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया: छत्तीसगढ़ को वर्ष 2023 तक टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से किए जा रहे प्रयासों की कड़ी में दुर्ग जिले में भी लगातार जनजागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा टीबी रोग से ग्रसित लोगों का उपचार सभी शासकीय चिकित्सालयों व स्वास्थ्य संस्थाओं में नि:शुल्क किया जाता है। उपचार की अवधि 6 से 9 माह तक की रहती है। टीबी रोग से निजात पाने के लिए टीबी रोग से ग्रसित को उपचार के अंतर्गत नियमित रूप से प्रतिदिन सेवन करने के लिए दवाइयां दी जाती हैं। दवाइयों का नियमित सेवन करने से मरीज शत-प्रतिशत रोगमुक्त हो सकता है।

एनएसएस छात्रों को बताए टीबी रोग के लक्षण
टीबी रोग से बचाव के लिए जागरुकता कार्यक्रम की कड़ी भिलाई भी पहुंची। यहां टीबी चैंपियन नितेश साव के नेतृत्व में टीम ने भिलाई के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के छात्रों को टीबी रोग से बचाव संबंधी आवश्यक जानकारी दी। टीम ने छात्रों को टीबी रोग के कारण, लक्षण तथा रोग ग्रस्त अवधि में महत्वपूर्ण उच्च पोषक आहार की जानकारी दी। साथ ही आसपास के लोगों में टीबी के लक्षण दिखने पर नजदीकी अस्पताल में बलगम की जांच कराने तथा विशेष रूप से टीबी रोग के उपचार के दौरान नशापान नहीं करने की अपील की गई।
 

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