दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 29 जुलाई। स्नेहिल साहित्य समिति के तत्वावधान में निर्मल ज्ञान मंदिर कबीर, आश्रम नेहरु नगर भिलाई में साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित की गई। कार्यक्रम के दौरान पौधारोपण, पुस्तक विमोचन, काव्य सम्मेलन तथा जन्मदिवस मनाई गई।
इस कार्यक्रम के मुख्य महोत्सव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.अनिल भतपहरी सचिव छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग छ.ग.शासन रायपुर, कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. डी. पी. देशमुख तथा विशेष अतिथि के रूप डॉ. वेदवती मंडावी प्रदेश अध्यक्ष गोंडवाना समाज, डॉ. नीलकंठ देवांगन वरिष्ठ साहित्यकार, बी. पी. पारकर वरिष्ठ साहित्यकार, डॉ दीनदयाल साहू साहित्यकार व संपादक, ब्रह्मदेव पटेल संरक्षक प्रदेश मरार समाज तथा डॉ. दुलारी चंद्राकर साहित्यकार उपस्थित रहे।
अतिथियों ने कहा कि अपने जन्म दिन को यादगार बनाने के लिए वृक्षारोपण करना अच्छा प्रयास है। इससे समाज में अच्छा संदेश पहुंचना स्वाभाविक है। हम लोगों को भी इसी तरह प्रयास करनी चाहिए। मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना अपने जीवन को प्रकाश से अंधकार की ओर ले जाना है। साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर भी अनेक सकारात्मक विचार अतिथियों ने व्यक्त किए।
कार्यक्रम की पहली कड़ी मे वृक्षारोपण कार्यक्रम संपन्न हुई, जिसमें साहित्यकार डॉ. दीनदयाल साहू अपने जन्मदिन को अपने उम्र के आकड़े के बराबर पौधारोपण कई वर्षो से करते आ रहे हैं। इसमें समिति सदस्यों की भी सहभागिता होती है। वृक्ष हर वर्ष भिलाई नगर पालिक से प्राप्त होती हैं।
इसके बाद सीमा साहू (अष्टमी ) ‘कृत’ सुमन उद्यान (हिन्दी काव्य संग्रह) सोमप्रभा नूर ‘कृत’ प्रीत की पाती (हिन्दी काव्य संग्रह ) यशवंत ‘यश’ सूर्य वंशी कृत सिखौना (छत्तीसगढि़ काव्य संग्रह) मीना जांगड़े ‘कृत’ मन की सागर (हिन्दी काव्य संग्रह )भूवन लाल ‘कृत’ चितरी पांख (काव्य संग्रह ) का विमोचन किया गया।
सभी रचनाकारों की कृतियों पर उपस्थित साहित्यकारों ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अगली कड़ी में डॉ.दीनदयाल साहू वरिष्ठ साहित्यकार व संपादक एवं सोमप्रभा ‘नूर’ कवयित्री जी, बिलासपुर के जन्मोत्सव को तिलक लगाकर मनाई गई।
कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में उपस्थित साहित्यकारों द्वारा काव्य पाठ किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में संरक्षक गण, कबीर मंदिर नेहरु नगर के ट्रष्टी व सदस्य, सृजन साहित्य परिषद, मुक्त कंठ साहित्य समिति, सिरजन साहित्य संस्था के पदाधिकारी व सदस्यों का योगदान रहा। इसके साथ ही अनेक साहित्य प्रेमी व बुद्धिजीवी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.राघवेंद्र राज अध्यक्ष स्नेहिल साहित्य समिति तथा स्वागत भाषण लाल साहू व आभार प्रदर्शन गिरीश द्विवेदी ने किया।