दुर्ग
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने उठाया सवाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 29 जुलाई। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा नेता प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने फेसबुक लाइव पोस्ट कर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने भूपेश सरकार पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार बिजली बिल में छूट देने में भेदभाव कर रही है।
अपने घोषणा पत्र में वायदे के अनुसार छत्तीसगढ़ में बिजली बिल हाफ के तहत भिलाई शहर में टाउनशिप के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल छूट का लाभ नहीं दिया जा रहा है। बिजली बिल दर को लेकर शर्त तय करना मुख्यमंत्री के हाथ में था, फिर ऐसी शर्त क्यों रखी गई कि भिलाई टाउनशिप की जनता को बिजली बिल में छूट का लाभ न मिले? उनका यह व्यवहार भिलाई टाउनशिप की जनता के साथ सौतेला व्यवहार नहीं है तो क्या है?
श्री पाण्डेय ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल क्या भारत का संविधान इस प्रकार का भेदभाव वाली शर्त लगाने की इजाजत देता है, जवाब है नहीं। राज्य के सभी घरेलू विद्युत उपभोक्ता राज्य शासन के लिए एक समान हैं। मुख्यमंत्री ने इसे लेकर विधानसभा में अपना जवाब दिया है लेकिन उसमें यह नहीं बताया गया कि बिजली बिल में छूट की योजना में लगाई गए शर्त अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं है। यदि कांग्रेस पार्टी को भिलाई टाउनशिप के विद्युत उपभोक्ताओं को छूट का लाभ नहीं देना था तो चुनावी घोषणापत्र में यह स्पष्ट लिख देना चाहिए था। लिख देते कि बिजली बिल हाफ योजना भिलाई टाउनशिप में लागू नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि सीएसपीडीसीएल को सिस्टम हैंडओवर किए जाने से टाउनशिप में विद्युत दर सीधा-सीधा 30 प्रतिशत बढ़ जाएगा।
बिजली बिल की दरों में छूट को लेकर भेदभाव न किए जाने को लेकर दिल्ली का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में चार लाइसेंस कंपनी पॉवर सप्लाई करती हैं। इसमें टाटा पावर देलही डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और न्यू देहली म्युनसिपल काउंसिल शामिल हैं। दिल्ली सरकार बिना किसी भेदभाव के चारों लाइसेन्स के घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक फ्री बिजली दे रही है यदि वहां ऐसा है तो फिर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भिलाई टाउनशिप की जनता के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है?