दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 30 जुलाई। किशोरी को बहला-फुसलाकर शादी का झांसा देकर भगाकर ले जाने वाले एवं उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाने वाले आरोपी को कोर्ट ने सजा दी है।
अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एफटीसी संगीता नवीन तिवारी की कोर्ट ने आरोपी चिंतामणि विश्वकर्मा को धारा 366 के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास 100 रुपए अर्थदंड, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास, 50000 रुपए अर्थदंड, अर्थदंड न दे पाने पर 1 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोनों सजा साथ-साथ चलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने बताया कि आरोपी चिंतामणि विश्वकर्मा पीडि़ता किशोरी का रिश्तेदार था। इसके कारण किशोरी के घर आरोपी का आना-जाना लगा हुआ था। आरोपी ने किशोरी को शादी का झांसा देकर मौके का फायदा उठाते हुए उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाया। 10 अगस्त 2020 को किशोरी की माता जो कि खेत में काम करने गई हुई थी। जब वह घर पहुंची तो देखा उसकी 15 वर्षीय पुत्री शाम तक घर वापस नहीं आई है। तब उसे किसी के द्वारा अपहरण किए जाने की आशंका हुई और उसने इसकी शिकायत थाना अंडा में की। 12 अगस्त को पुलिस ने आरोपी के कब्जे से किशोरी को बरामद किया। आरोपी ने किशोरी के साथ रेप किया था।