रायपुर
हर माह कर्मचारियों को हो रहा नुकसान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 जुलाई। प्रदेश के 88 कर्मचारी,अधिकारी संगठनों ने अब सरकार से आर-पार की लड़ाई करने की रणनीति बना रहें हैं। इसकी रणनीति बनाने रविवार को राजधानी में इन सभी प्रातांध्यक्षों की बड़ी बैठक होने वाली है।
कर्मचारी संगठनों में शुक्रवार को राज्य शासन द्वारा जारी आदेश को लेकर आक्रोश बढ़ गया है। कल सरकार ने,25 से 29 तक हुई हड़ताल को अवैध घोशित कर 5दिनों का वेतन काटने,सर्विस ब्रेक की कार्यवाही करने की चेतावनी दी है। कल शाम यह आदेश जारी होते ही सभी संगठनों ने आक्रोश जताया है। फेडरेशन के शीर्ष नेताओं से चार्चा कर सभी ने अब सरकार से आर-पार की लड़ाई करने की बात कही है। इसे देखते हुए फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने रविवार को सभी 88 संगठनों के प्रंाताध्यक्षों की बैठक बुलाई है। फेडरेशन के नेताओं का कहना है कि 5 दिवसीय सामूहिक अवकाश आंदोलन की सरगुजा से बीजापुर तक सफलता को देखेते हुए सरकार ने यह दमनात्मक आदेश निकाला है। उनका कहना है कि जब हमने 30 मई करे नोटिश दिया था तभी अमान्य करना था। हड़ताल के बाद कार्यवाही सरकार की दमनातमक नीति है। लेकिन कर्मचारी डरेगा नहीं हम अब बेमुदत हडुताल करेंगे। एक नेता ने कहा कि यह तो जोगी शासनकाल से भी अधिक दमनकारी शासन व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं। एक तो सरकार दो साल का एरीयर्स डकार गई,उसे जीपीएफ में भी अंतरीत नहीं किया। उस पर 12प्रतिशत डीए नही दिया जा रहा । दूसरी ओर सरकार ने अपने मंत्री-विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ा कर आग में घी डालने का काम काम किया है। सभी सरकारे सुविधाओं से लेकर बंगलों की रसोई तक मुफ्त मे खाने वाली मंत्री विधायकों पर मुख्यमंत्री इतने मेहरबान क्यों हैं। कोरोना काल में वेतन-भत्ते की मांग न कर,कर्मचारियों ने सीएम कोष में वेतन का अंशदान भी दिया लेकिन सरकार उसका भी अहसान नहीं चुका पा रही हैं।