दुर्ग

दूषित पानी से नर्सिंग हास्टल के विद्यार्थियों में फैला डायरिया, 23 अब भी भर्ती
02-Aug-2022 2:17 PM
दूषित पानी से नर्सिंग हास्टल के विद्यार्थियों में फैला डायरिया, 23 अब भी भर्ती

स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिंलाई नगर, 2 अगस्त
। मॉडल टाउन स्मृति नगर स्थित नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं की तबीयत बिगडऩे का कारण फूड पाइजनिंग नहीं बल्कि दूषित पेयजल से पिछले 5 दिनों में लगभग 50 से अधिक छात्र-छात्राएं डायरिया से पीडि़त हुए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कल ही हाईटेक हास्पिटल की सूचना पर प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मौका मुआयना कर विद्यार्थियों की तबीयत बिगडऩे के कारणों की पड़ताल की। वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव से इस मामले की जांच कर जिम्मेदारी तय करने और दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब हो कि एक नर्सिंग छात्रा की तबीयत ठीक होने पर परिजन उसे बालोद घर लेकर गए थे, जहां कामिनी नामक छात्रा ने दम तोड़ दिया है। उसकी मौत के बाद भारी तादाद में विद्यार्थियों की तबियत बिगडऩे का यह मामला कल प्रकाश में आया।

बताया गया कि स्मृति नगर स्थित स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के हॉस्टल के विद्यार्थियों की तबीयत बीते शुक्रवार से ही बिगडऩे लगी थी। उन्हें नजदीक के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जिनमें से कुछ की हालत सुधरने पर छुट्टी दे दी गई, जबकि 23 अब भी हाईटेक अस्पताल में अब भी भर्ती हैं।

कल ही निगम प्रशासन से अधिकारी अस्पताल पहुंचे और छात्राओं के स्वास्थ्य की जानकारी ली। फूड एंड सेफ्टी टीम ने सोमवार को हॉस्टल का जायजा लिया और खाने पीने के इंतजाम तथा हाईजीन पर फोकस किया। जानकारी मिली कि जिस हॉस्टल में डायरिया फैला, उसका संचालन रस्तोगी नर्सिंग कॉलेज की समिति करती है। हॉस्टल में 625 विद्यार्थी हैं, जिनका भोजन मेस में तैयार होता है।
 

टीम की जांच में यह बात सामने आई कि चार से पांच दिन के भीतर यहां के छात्र-छात्राओं को उल्टी-दस्त के साथ तेजी से पेट दर्द की शिकायत हुई और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाने लगा। कामिनी नाम की जिस छात्रा ने बालोद में दम तोड़ा, वह भी अस्पताल में भर्ती थी। देखभाल के लिए परिजन उसे एक दिन पहले ही घर ले गए थे।

जांच में पाया गया कि हास्टल मेस में नाली का पानी, नमी में रखे फूड पैकेट और पीने का पानी वजह हो सकते हैं। मेस के किचन के पीछे निगम की गंदी नाली है और तेज बारिश में इसका पानी किचन में घुस गया था। जिस जगह बच्चों के फूड पैकेट रखे जाते हैं, वहां बारिश के कारण काफी नमी पाई गई। इतनी बड़ी संख्या में रहने वाले हास्टल स्टूडेंट के लिए केवल एक ही आरओ लगा है। स्वास्थ्य टीम तमाम पहलुओं की जांच कर रही है।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने प्रमुख सचिव से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई है कि चार दिन पहले केस सामने आया, तब तत्काल सुधार के कदम क्यों नहीं उठाए गए? भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए कलेक्टर को कहा गया है कि ऐसे संस्थानों के पानी और भोजन की नियमित जांच कराएं।

 

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