दुर्ग

महादेव हत्याकांड में शामिल तपन और सहयोगी राजू खंजर को सुप्रीम कोर्ट से 17 साल बाद मिली जमानत
02-Aug-2022 2:20 PM
महादेव हत्याकांड में शामिल तपन और सहयोगी राजू खंजर को सुप्रीम कोर्ट से 17 साल बाद मिली जमानत

दुर्ग कोर्ट ने जारी किया रिहाई आदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 2 अगस्त।
बहुचर्चित महादेव महार हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने तपन सरकार और उसके सहयोगी राजू खंजर को जमानत दे दी है। सोमवार को दुर्ग कोर्ट के न्यायाधीश शैलेष तिवारी की अदालत ने दोनों की रिहाई का आदेश जारी कर दिया है। वर्तमान में तपन सरकार रायपुर और राजू खंजर जगदलपुर जेल में निरुद्ध है।

अधिवक्ता राजकुमार तिवारी के मुताबिक 17 वर्ष बाद तपन और उसके सहयोगी को जमानत मिली है। हत्याकांड के बाद पहली बार दोनों आरोपी जमानत पर जेल से बाहर आएंगे। अब तक तपन को गिरफ्तारी के बाद उसे कभी पेरोल पर नहीं छोड़ा गया था।

गौरतलब हो कि बहुचर्चित गैंगस्टर महादेव हत्याकांड मामले में तपन सरकार सहित 13 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जबकि इस मामले में 20 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था।
अधिवक्ता राजकुमार तिवारी के मुताबिक 11 फरवरी 2005 को गैंगस्टरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई के चलते सुभाष चौक सुपेला में महादेव महार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तपन के खिलाफ कोर्ट में वर्तमान में 7 मामले विचाराधीन हैं, इन सभी मामलों में तपन को जमानत मिल चुकी है, लेकिन महादेव हत्याकांड में जमानत नहीं मिलने के कारण वह बाहर नहीं आ पा रहा था। इस बीच महादेव के साथी धनजी उर्फ संतोष की भी हत्या कर दी गई थी।

बताया जा रहा है कि महादेव मर्डर के समय उसके साथी धनजी उर्फ संतोष सिंह की भी हत्या की प्लानिंग थी, पर वह किस्मत से उस समय बच गया था, फिर बाद में आरोपियों ने उसकी भी नेहरू नगर क्षेत्र स्थित एक ढाबे के करीब गला रेत कर हत्या कर दी थी और लाश केशकाल घाटी में फेंक आए थे हालांकि अंत तक इस मामले में हत्या की मुख्य वजह का खुलासा नहीं हो पाया।
10 फरवरी 2005 की रात हो पूरे मामले में षडय़ंत्र रचा गया। सभी आरोपियों ने प्लानिंग कर चंदा-मौर्या टॉकीज के पास हथियार उपलब्ध कराए। इसके बाद सुभाष चौक पर घेराबंदी कर घटना को अंजाम दिया गया था।

 

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