रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 दिसंबर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने बेरोजगारी पर सामने आये राष्ट्रीय सर्वे में राज्य की स्थिति के संदर्भ में कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के फर्जी आंकड़ों की पोल खुल गई है। उनकी आंकड़ेबाजी का ढोल फूट गया है। देश के 19 राज्यों में 5 प्रतिशत तक बेरोजगारी घटी है अर्थात रोजगार बढ़ा है लेकिन छत्तीसगढ़ में रोजगार घटे हैं और बेरोजगारी बढ़ी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सार्वजनिक रूप से झूठ बोलते हैं कि 4 साल में 5 लाख नौकरी दे दी किंतु विधानसभा में ऐसा दावा करने की हिम्मत नहीं दिखाते। वहां उनका झूठशास्त्र उनके बैग से बाहर नहीं निकलता।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में रोजगार घट रहा है, बेरोजगारी बढ़ रही है और मुख्यमंत्री बेरोजगारी खत्म होने का ढिंढोरा पीटते हैं। एक तरफ देश में रोजगार बढ़ रहे हैं, दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में रोजगार घट रहे हैं। देश विकास कर रहा है, छत्तीसगढ़ पिछड़ रहा है। देश आर्थिक महाशक्ति बन गया है और कांग्रेस सरकार की कुनीतियों के कारण छत्तीसगढ़ कर्ज के बोझ तले दबे गया है।
मोदी राज में बेरोजगारी 50 साल में सबसे ज्यादा- कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा कि भाजपा नेता आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण क्करुस्नस् की ताजा रिपोर्ट को राज्य के संदर्भ में गलत प्रस्तुत कर रहे है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस रिपोर्ट के अनुसार भी अन्य राज्यों की अपेक्षा आज भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर सबसे कम है। बल्कि इस रिपोर्ट ने रोजगार के संबंध में मोदी सरकार की नाकामियों को उजागर किया है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण क्करुस्नस् के निष्कर्षो के अनुसार ग्रामीण और शहरी भारत दोनो में 1972 के बाद बेरोजगारी दर सबसे अधिक है। इसका सीधा अर्थ है मोदी सरकार देश के लोगों को रोजगार उपलब्ध करा पाने में पूरी तरह असफल साबित हुई है। ग्रामीण और शहरी दोनों समूहों में पुरुषों और महिलाओं के बीच बेरोजगारी की दर भी सबसे अधिक है। 2011-12 के बाद से बेरोजगारी दर में वृद्धि ग्रामीण पुरुषों के बीच तीन गुना से अधिक है।