दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 4 मार्च। धान खरीदी व उठाव के बाद शेष बचे बारदाने की देखरेख में समितियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिले के 96 उपार्जन केंद्रों में कुल 4 लाख 95 हजार 99 अतिशेष खाली बारदाने हैं इसकी कीमत लगभग 1करोड़ 32 लाख4 हजार रुपए है।
गौरतलब है कि इस बार उपार्जन केन्द्रों से समय पर धान उठाव कराने की वजह समितियों को सूखत से नुकसान नहीं हुआ, मगर अतिशेष बचे खाली बारदाने की देखरेख ने समितियों की चिंता बढ़ा दी है। जिले में कुल 96 उपार्जन केंद्र है जहां अतिशेष नया बारदाना 30 हजार 756 नग है इसकी कीमत लगभग 24 लाख 94 हजार रूपए है।
वहीं मिलर्स बारदाना 2 लाख1 हजार519 कीमती 50 लाख 29 हजार रुपए एवं पीडीएस बारदाना 97 हजार 737, कीमत 24 लाख 43 हजार 425 रुपए है। इसी प्रकार उपार्जन केन्द्रों में प्लास्टिक बैग 1 लाख65 हजार 87 अविशेष बारदाने जाम है। इसकी कीमत लगभग 32 लाख 27 हजार 450 रुपये है। उक्त अतिशेष बारदाने की चौकीदारी सहकारी समिति को अनावश्यक करना पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि जिले के कई सहकारी समितियों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है। कई समितियों में कमर्चारियों के वेतन के लिये पैसे का अभाव रहता है, इसके बाद भी खाली बारदाना के रख रखाव में समितियों का अनावश्यक खर्च हो रहा है। सहकारी समितियों के व्यापक हित में खाली बारदाना तत्काल उठाने की व्यवस्था की जाय ताकि सहकारी समितियों को अनावश्यक नुकसान न हो।