रायपुर

सडक़ गड्ढा घोटाला बिना पैचवर्क के ही पैसा हजम कर बैठे अफसर
05-Mar-2023 4:42 PM
सडक़ गड्ढा घोटाला बिना पैचवर्क के ही पैसा हजम कर बैठे अफसर

जांच और दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मार्च।
पिछले सवा 4 साल में  कांग्रेस सरकार ने अधोसंरचना निर्माण का कोई कार्य नहीं किया है। दुर्भाग्य यह है कि भाजपा शासनकाल मे हुए विकास कार्यों का मेन्टेन्स भी नहीं कर पाई। लोक निर्माण विभाग की सडक़ की बात करें, तो जो सडक़ें बनी उसका उचित मैनटेनेंस नहीं हुआ -  मैनटेनेंस के लिए विभागों को दी गई राशि भी वापस मांग ली गई। इसका परिणाम यह हुआ कि राज्य की सडक़ों में बड़े बड़े गड्ढे हो गए। यह हालत शहरों में भी देखने को मिला रहा है।

जब सडक़ों में बड़े बड़े गड्ढों की तस्वीर मीडिया की सुर्खियां बनी, तब राज्य सरकार ने सडक़ों का पैच वर्क करने का निर्णय लिया। खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेंट मुलाकात के दौरान सैकड़ों  शिकायतें सडक़ों के गड्ढों को लेकर मिली। मुख्यमंत्री ने आनन फानन में 3-4 बैठकें कर ली और पैच वर्क का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने दिसम्बर 2022 तक सडक़ों के गड्ढे भरने का निर्देश दिया। बस इसके बाद ही अनियमियता कि शुरुआत हुई। बिना काम के ही जनता का पैसा हजम करने की होड़ सी मच गई।

भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ विजय शंकर मिश्रा ने रविवार को खुलासा किया कि लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाले (राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग) के 1 करोड़ 30 लाख 60 हजार रुपए को अफसरों ने मिलीभगत कर हजम कर लिया। उन्होंने बताया कि जब विभाग में पैचवर्क काम को लेकर सूचना के अधिकार में आवेदन लगा तब अफसरों के कान खड़े हुए और आनन फानन में पैचवर्क का काम शुरू हुआ। मगर यहाँ भी चोरी पकड़ी गई जब प्लेन सडक़ में डामर चढ़ा दिया गया और दूसरे दिन डामर बह गया। इस तरह खुलेआम जनता के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है।

डॉ मिश्रा ने दो सडक़ों की जानकारी देते हुए, अन्य सडक़ों और पूरे राज्य में हुए पेंचवर्क कार्य पर सवाल उठाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजधानी रायपुर में जो पैचवर्क का काम हुआ है, उससे सडक़ चलने लायक नहीं है, पूरी सडक़ अनबैलेंस हो गई है।

लोक निर्माण विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जो रोड पूरी तरह से ठीक थी और जिसमें गड्ढे नहीं थे उस रोड में पैच रिपेयरिंग के नाम पर करोड़ों रुपये कार्यपालन अभियंताओं को दिया गया और उस रोड पर किसी प्रकार का कार्य नहीं था। रोड में पैचवर्क का कार्य कागज दिखाकर ठेकेदार से बिल लेकर आपस में ही पैसे को बांट लिया गया और जनता के पैसे की लूट की गई।

जिस रोड का टेंडर किया गया वह पूरी तरह ठीक है, सूचना का अधिकार लगने के बाद जीरो पॉइंट से 33 किलोमीटर में जबरदस्ती ठीक रोड का पैचवर्क किया गया और पैचवर्क फेलने लगा। गुरुवार- शुक्रवार 3  4 फरवरी 23 की रात को ही किया गया था । सडक की सतह चिकनी होने के कारण डामर स्लिप हो गया है। बताना यह भी है कि सारा गांव तक काम हो चुका है- बंगोली के 2 किलोमीटर आगे अभी काम चल रहा है जो भैंसा के पास है।

विभागीय मंत्री ऐसे अधिकारियों को देते है संरक्षण
अधिकारियों का वित्तीय अनियमितता करने की ताकत विभाग के मंत्री के लिए गए निर्णय के कारण होती है
प्रकरण का विवरण: वर्ष 2006 में महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में  एन के जयंत तात्कालिक कार्यपालन अभियंता के विरुद्ध ठेकेदार को अतिरिक्त स्टील एडवांस दिए जाना का आरोपी पाया गया।
 जिसने तात्कालिक मंत्री राजेश मूणत द्वारा कार्यपालन अभियंता के ऊपर 5 वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव तथा पदावनत अर्थात डिमोशन करने का आदेश दिया गया यह दस्तावेज मंत्रालय से सूचना के अधिकार से प्राप्त हुआ।
कांग्रेस सरकार आते ही प्रकरण कि नस्ति 21 जनवरी 2021 कि विभागीय मंत्री को प्रस्तुत कु जाती है ।

प्रकरण में  एन के जयंत को प्रकरण में दोषी माना गया।
एन के जयंत को दोषमुक्त कर पदोन्नति देकर मुख्य अभियंता अर्थात चीफ इंजीनियर अंबिकापुर बना दिया गया जहां पर वह पूर्व में कार्यपालन अभियंता रहते हुए आर्थिक अनियमितता का आरोपी थे।
यह महत्वपूर्ण है कि एन के जयंत को दोषी पाए गए पर मंत्री जी ने उन्हें माफ करते हुए उन्हें पदोन्नति दी साथ ही उन्हें उसी क्षेत्र का चीफ इंजीनियर बनाया गया जिस स्थान पर एन के जयंत आर्थिक अनियमितता के आरोपी थे।
विभागीय मंत्री द्वारा उपहार के तौर पर पदोन्नति और अच्छे स्थान पर पदस्थापना अन्य अधिकारी को वित्तीय अनियमितता करने की ताकत दे रहे है ।पत्रकार वार्ता में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल, आरटीआई प्रकोष्ठ कार्यालय प्रभारी मुकेश तिवारी, आरटीआई प्रकोष्ठ मीडिया प्रभारी, आलोक मेंढी उपस्थित थे।
 

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