दुर्ग

सफाई कर्मियों की हड़ताल खत्म, काम पर लौटे
06-Mar-2023 3:01 PM
सफाई कर्मियों की हड़ताल  खत्म, काम पर लौटे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 6 मार्च।
नगर निगम प्रशासन के लिए राहत की खबर हैं। तीन दिन चल रहीं सफाई कर्मियों की हड़ताल खत्म हो गई हैं। सफाई व्यवस्था पटरी पर आएगी। 

शहर विधायक अरुण वोरा ने लगातार सफाई कमिर्यों के लिए प्रयास किया व उन्होंने  नगरीय प्रशासन मंत्री से मुलाकात कर सफाई कर्मियों के लिए उनकी मांगों को लेकर चर्चा की थी। महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त लोकेश चन्द्राकर वार्ता के बाद सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया हैं। अपनी मांगों को लेकर तीन दिन से शहर के सफाई कर्मियों ने हड़ताल पर बैठ गए थे। सफाई कर्मियों ने विधायक, महापौर व आयुक्त का आभार व्यक्त करते हुए हड़ताल समाप्त किया। 

सफाई कर्मियों की हड़ताल खत्म कर 4 मार्च दोपहर 12 बजे से शहर में सफाई प्रारंभ शुरू किया गया। सफाई कर्मियों की मांगे निगम में कार्यरत प्लेसमेंट सफाई कर्मियों के लिए ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर सीधे निगम प्रबंधन के नियंत्रण में कार्य करने हेतु कार्रवाई की जाए। इसमें निगम द्वारा प्रतिवेदन शासन द्वारा जारी निर्देश के अनुसार कमर्चारियों को प्लेसमेंट के माध्यम से रखे जाने स्पष्ट निर्देश प्राप्त हैएठेकेदार प्रथा समाप्त करना निगम के अधिकार क्षेत्र नहीं होने के कारण उनकी मांग को ध्यान में रखते हुए शासन को पत्र प्रेषित किया जाएगा। इस पर अतिशीघ्रता से कार्रवाई की जाएगी। सफाई कर्मियों की मांग निगम के 1 से 10 एवं 51 से 60 के पूर्व सफाई कर्मी जो 61 की संख्या में है का सेवा परिवर्तन किया गया है को पुन: ठेका मजदूर का दर्जा देते हुए भविष्य निधि एवं चिकित्सा की सुविधा प्रदान किया जावे, जिस पर निगम द्वारा प्रतिवेदन में कहा वर्ष 2017 में निगम दुर्ग मिशन क्लीन सिटी लागू होने पर निगम के 1 से 10 एवं 51 से 60 के पूर्व सफाई कर्मचारियों का कार्य से पृथक न करते हुए उन्हें तत्कालीन समय एमसीसी कर्मचारी के रूप कार्य करने के लिए रखा गया था। 

वर्तमान में अतिरिक्त प्लेसमेंट कर्मचारी की मांग शासन से की गई है यदि स्वीकृति प्राप्त होने पर उन्हें प्रथम प्राथमिकता दी जाएगी और पृथक से इस विशेष में प्रस्ताव तैयार कर महापौर परिषद की ओर प्रेषित किया जाएगा। सफाई कर्मियों ने ये भी मांग रखी कि मिशन क्लीन सिटी के तहत कार्यरत डोर टू डोर कचरा संग्रहण के बदले जो मानदेय राशि 6 हजार रूपये दिया जा रहा है उन कर्मियों को ठेका श्रमिक घोषित कर न्युनतम मजदूरी व अन्य सुविधा प्रदान किया जाए।

 

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