दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 6 मार्च। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत नगर निगम के माध्यम से गठित वरदान स्व सहायता समूह बघेरा वार्ड 56 द्वारा प्राकृतिक फूल, फूलो, जैसे पालक, लालभाजी, चुकंदर, शहतून, पलाश गेंदा गुलाल, अपराजिता जामुन के माध्यम से हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है। जो स्किन और हेल्थ के लिए उपयुक्त है।
होली के लिए आज कल बाजारों में मिलने वाले चटक और आकर्षक रंग केमिकलयुक्त होते है। जिससे स्किन को नुकसान पहुंचता है। यही नहीं बाजार में मिलने वाले ये रंग बच्चों के स्किन के लिए भी नुकसानदायक होते है। श्वास के माध्यम से भी केमिकलयुक्त रंग हमारे शरीर में पहुंचकर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं इसलिए विशेषज्ञ ये सलाह देते है कि होली के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रंग केमिकल फ्री होने चाहिए।
बिहान की इन महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे प्राकृतिक गुलाल पूरी तरह से केमिकल फ्री है इसीलिए ये गुलाल बाजार में मिलने वाले रंगों की जगह अच्छा विकल्प साबित होगे। इसे टेसू, पताशा के फूल को बसंत का श्रृंगार रंगीन बनाने के लिए प्राकृतिक का इस्तेमाल समूह कर रही है। समूह के महिलाएं बताती है कि बाजारों के अलावा गांवों में भी ऑर्डर लिया जा रहा है। 50 किलो से अधिक गुलाल तैयार कर लिया गया है।
पताशा के फूलों से होली में महकेगा शहर, समूह की महिलाएं बना रही है प्राकृतिक गुलाल महिलाओं द्वारा तैयार किये जा रहे प्राकृतिक गुलाल पूरी तरह से केमिकल फ्री है इसलिए ये गुलाल बाजार में मिलने वाले रंगों की जगह अच्छा विकल्प साबित होंगे।
वरदान महिला स्व सहायता समूह बघेरा की गीता राजपूत का कहना है कि उनका यह गुलाल केमिकल फ्री होने से प्राकृतिक को बाजार और गांवों में बेचेगी।