रायपुर
रायपुर, 6 मार्च। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जन आकांक्षा की अभिव्यक्ति में असफल रहा यह बजट।
पार्टी की राज्य समिति की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सरकार का जी डी पी विकास दर 12.6त्न का अनुमान तथा प्रतिव्यक्ति आय में लगभग 11त्न वृद्धि का दावा जरूर है किंतु स्वयं सरकार के द्वारा पेश आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े यह बताते हैं कि प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़ा है, आय असमानता बढ़ीं है और प्रदेश की 73त्न आबादी अभी भी गरीबी रेखा सीमा से नीचे जीवन यापन करने बाध्य है । इसके लिए रोजगार के अवसर तथा आम लोगों की आमदनी में वृद्धि के पर्याप्त उपाय की आवश्यकता है ।
पार्टी ने कहा कि सरकार ने बेरोजगारी भत्ते की बात तो को किंतु उसके लिए परिवार की आमदनी के लिए 2.50 लाख की सीमा लगा दी और वह भी अधिकतम दो वर्ष के लिए 2500 रुपए प्रतिमाह की शर्त जोड़ दी इससे बड़ी संख्या में पात्र इससे वंचित हो जायेंगे, जबकि सरकार के आंकड़े यह बताते हैं कि 19 लाख से अधिक केवल पंजीकृत बेरोजगार हैं ।
इसी तरह निराश्रित बुजुर्ग, दिव्यांग, विधवा, परित्यकता की मासिक पेंशन में मात्र 150 रुपए, मध्यान्ह भोजन के रसोइए के मानदेय में मात्र 300 रुपए, स्कूल सफाई कर्मियों के मानदेय में मात्र 300 रुपए की मासिक वृद्धि की गई है जबकि मध्यान्ह भोजन कर्मियों के मामले में छत्तीसगढ उच्च न्यायालय ने उन्हे प्रतिदिन 392/ पारिश्रमिक दिए जाने का निर्णय दिया है। इसी तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका तथा मिनी आंगनवाड़ी सहायिकाएं जो लंबे समय से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं उनके मानदेय में जरूर कुछ वृद्धि की गई है।