रायपुर

पालिटेक्निक कालेज में सुविधाएं नहीं, नौकरी नहीं, पढऩे वाले छात्र कम हो रहे...
14-Mar-2023 4:25 PM
पालिटेक्निक कालेज में सुविधाएं नहीं, नौकरी नहीं, पढऩे वाले छात्र कम हो रहे...

विधानसभा में मामला उठा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 मार्च।
  भाजपा विधायक सौरभ सिंह, ने आज अपनी  ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए  छत्तीसगढ़ के 47 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में एडमिशन का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि इन कालेजों में एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या पिछले 5 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई हैं। प्रदेश में एक यूनिवर्सिटी, 32 सरकारी व 14 निजी पॉलीटेक्निक कॉलेज है। इसमें इस साल कुल 8664 सीटें थी, जिनमें केवल 22 प्रतिशत ही भर पाई हैं।

सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेजों की स्थिति कुछ बेहतर हैं। निजी पॉलीटेक्निक कॉलेजों की स्थिति अधिक खराब है। जो 5 नये पॉलीटेक्निक कॉलेज खोले जा रहे हैं, उनके लिए 65 करोड़ रूपये से अधिक खर्च होंगे। सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेज में गर्ल्स की ट्यूशन फीस माफ है, यानी उन्हें पढऩे के लिए पैसे नहीं देने पड़ते, फिर भी  छात्र कम हो रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से तहकियों का पॉलीटेक्निक के प्रति रुझान बहुत कम हो गया है। पॉलीटेक्निक के कुछ ब्रांचेस में छात्रों की सूची ही लगभग खत्म हो गई है।

वर्ष 2018-19 में 41.3 प्रतिशत, वर्ष 2019-20 में 40 प्रतिशत, वर्ष 2020-21 में 47.6 प्रतिशत, वर्ष 2021-22 में 36.5 प्रतिशत और वर्ष 2022-23 में 22-2 प्रतिशत सीटें खाली थी। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल सेफ्टी एंड फायर सेफ्टी तथा मेकेनिकल की ज्यादातर सीटें खाती है। इस ब्रास में पिछले 5-6 साल से छात्रों की संख्या लगातार घट रही है। प्रदेश में रोजगार के साधन उपलब्ध न होने एवं नए उद्योग स्थापित नहीं होने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई हैं। जिन ट्रेड्स में रोजगार की अधिक संभावना है, उनके सीटों की संख्या न बढ़ाने के कारण एवं रोजगार न मिलने से प्रदेश के युवाओं और अभिभावकों में रोष और आक्रोश व्याप्त है।

तकनीकी शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने अपने जवाब में कहा कि पॉलीटेक्निक कालेजो में प्रवेश में कमी आई है और इस वर्ष 22.26 त्न सीटें ही भरी है। सरकारी कालेजों में प्रवेश का प्रतिशत 29.9 है।  प्रस्तावित 5 नए कॉलेजों पर लगभग 65 करोड़ रूपए का व्यय अनुमानित है।

यह कहना सही है कि छत्तीसगढ़ के सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेज में छात्राओं की फीस माफ है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ में छात्राओं के प्रवेश की स्थिति पूरे देश की तुलना में बेहतर है। जहां खत्तीसगढ़ में छात्राओं का प्रवेश प्रतिशत 21.85 है। वहीं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार संपूर्ण देश में छात्राओं का प्रतिशत 18.13 है और निकटवर्ती राज्यों में सत्र 2017-18 से 2021-22 तक छात्राओं की भागीदारी मध्य प्रदेश में 13.23त्न, ओडिशा में 18.13 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 12.17 फीसदी एवं झारखण्ड में 14.96 फीसदी रही है।

इस बात का पूरा प्रयास किया जा रहा है कि राज्य में प्रौद्योगिक शिक्षा के प्रति रुझान बने। राज्य में जिन ब्रान्बेस में प्रवेश की मांग है उसके अनुरूप नवीन कालेजों में उक्त ब्रांच खोले जा रहे हैं। शासन के द्वारा सभी ब्रांचों में पर्याप्त सीटों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

प्रदेश के पॉलीटेक्रिक कॉलेज में पढऩे वाले विद्यार्थियों को न केवल प्रदेश के भीतर बल्कि प्रदेश के बाहर भी रोजगार प्राप्त होता है। सच यह है कि विभिन्न ब्रांचों में रोजगार के अवसर पटते बनते रहते हैं जो बाज़ार एवं उद्योग की मांग के अनुरूप होते हैं।
 

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