दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 15 मार्च। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई-दिल्ली एवं छग राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर तथा राष्ट्रीय महिला आयोग व महिला एवं बाल विकास विभाग दुर्ग के सहयोग से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के तत्वावधान में एवं जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग संजय कुमार जायसवाल के मार्गदशन में अंतरराष्ट्रीय महिला सप्ताह के अवसर पर 11 मार्च को भिलाई-3 एवं पाटन में ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में निवासरत महिलाओं के बीच कानूनी जागरूकता फैलाने के लिए विशेष जागरूकता शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
भिलाई-3 के मंगल भवन में आयोजित उक्त विशेष जागरूकता कार्यक्रम में लगभग 60 महिलाएं उपस्थित रहीं, जिन्हें कार्यक्रम के दौरान न्यायिक अधिकारी पंकज दीक्षित व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 एवं अमिता जायसवाल व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 भिलाई-3 के आलावा रेखा वर्मा एवं रूक्मणी जोशी अधिवक्ता द्वारा सम्बोधित करते हुए उपस्थित महिलाओं को हिन्दू विवाह अधिनियम, भरण पोषण विधि, संपत्ति पर महिलाओं का अधिकार, घरेलु हिंसा अधिनियम, दहेज प्रताडऩा एवं दहेज मृत्यु, अपहरण एवं व्यपहरण लैंगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधि. कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ रोकथाम मातृत्व लाभ अधिनियम, कारखाना अधिनियम एवं मेडिकल टर्मिनल ऑफ प्रेगनेन्सी एक्ट (पीएनडीटी एक्ट) की जानकारी से अवगत कराया गया।
इसी प्रकार पाटन के जनपद पंचायत परिसर में अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अवसर पर आयोजित महिलाओं के इस विशेष जागरूकता कार्यक्रम में लगभग 80 महिलाऐं उपस्थित रही, जिन्हें कार्यक्रम के दौरान न्यायिक अधिकारी विजेन्द्र सोनवानी व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 पाटन के आलावा प्रमुख रूप से मंजू साहू, तारणी यादव अधिवक्ता, शिल्पा साहू डीएसपी आईयूसीएडब्ल्यू (इनवेस्टीगेशन यूनिट फॉर क्राइम अगैन्सट वूमन) दुर्ग द्वारा सम्बोधित करते हुए उपस्थित महिलाओं को घरेलु हिंसा अधिनियम, पीडि़त क्षतिपूर्ति योजना, साईबर क्राईम, पॉक्सो, एसिड अटैक, मातृत्व लाभ अधिनियम, समान पारिश्रमिक अधिनियम, महिलाओं का संपत्ति पर अधिकार आदि की जानकारी दी गयी।
अंतरराष्ट्रीय महिला सप्ताह के अवसर पर उक्त दोनों तालुकाओं में आयोजित इन विशेष जागरूकता शिविर कार्यक्रम में सम्मिलित एवं उपस्थित महिलाओं के द्वारा महिलाओं से संबंधित इन्हें बताये जा रहे विभिन्न कानूनी जानकारियों के संबंध में अनेक जानकारियां प्रश्न के रूप में पूछी गईं, जिनका उपस्थित संबंधित विषय विशेषज्ञों द्वारा विधिनुरूप समुचित उत्तर देते हुए इनके शंकाओं का समाधान करते हुए उपस्थित महिलाओं के मध्य महिलाओं से संबंधित विभिन्न कानूनी जानकारी से संबंधित अनेक पाम्पलेट एवं फार्म का वितरण भी किया गया। आयोजित इस जागरूकता कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक कानून की समझ एवं जागरूकता लाना है, जिससे व्यक्ति अपने कानूनी अधिकारों को समझ कर स्वयं को संरक्षित करते हुए अपनी सुरक्षा कर सकें।