दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 मार्च। नगरीय निकायों में बिना प्रशासनिक अनुमति के नागरिक नलकूप खनन नहीं करा सकेंगे। निगम द्वारा जलापूर्ति के दौरान टुल्लू पंप चलाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस दौरान निगम अमला मानिटरिंग करेगा, ताकि सभी को जलापूर्ति सुनिश्चित की जा सके। एसडीएम भी इस संबंध में टीम बनाकर कारर्वाई करेंगे। कलेक्टर ने गर्मी को देखते हुए पेयजल व्यवस्था की स्थिति के संबंध में समीक्षा की।
उन्होंने नगरीय निकायों में इसके लिए किये जा रहे कार्यों के बारे में पूछा। नगरीय निकाय के अधिकारियों ने बताया कि पानी के प्रेशर को बढ़ाने के लिए खराब पाइप बदले जा रहे हैं और वाल्व भी नये लगाये जा रहे हैं। कलेक्टर ने उन क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से कार्ययोजना बनाने कहाए जहां पेयजल संकट की आशंका हमेशा बनी रहती है। उन्होंने कहा कि पाइपलाइन की मरम्मत के साथ ही खराब पड़े नलकूपों की मरम्मत भी करें। उन्होंने कहा कि पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए और इसके लिए अभी से तैयारियों में जुट जाएं। बैठक में नगर निगम आयुक्त रोहित व्यास तथा अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
कलेक्टर ने मलेरिया उन्मूलन पर कराये जा रहे कार्यों की विशेष रूप से समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए घर-घर सर्वे किया जा रहा है और तालाबों की साफ-सफाई का व्यापक रूप से कार्य किया जा रहा है। घर-घर पहुंच से मच्छरों के रोकथाम में मदद मिल रही है। कलेक्टर ने नगरीय निकायों के अधिकारियों से इसकी लगातार मानिटरिंग के लिए कहा। उतई में असहाय पशुओं की चिकित्सा के लिए ट्रामा सेंटर स्थापित किया जाएगा।
इस संबंध में भूमि के चिन्हांकन के लिए कलेक्टर ने सीएमओ को निर्देश दिये। कलेक्टर ने गौठानों में उन्नत नस्ल के गायों के पालन के लिए की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी ली। साथ ही सभी गौठानों में यूरिया ट्रीटमेंट युक्त पैरा उपलब्ध कराने के लिए कहा। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि अभी 60 से अधिक बाडिय़ों में जैविक खाद से सब्जी उत्पादन हो रहा है। धीरे-धीरे सभी बाडिय़ों को जैविक बाडिय़ों में परिवर्तित करें। इसके लिए आवश्यक तैयारियां कर लें। जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने बताया कि अभी बाडिय़ों में मोनोक्रापिंग हो रही है। साथ ही रोपणी से पौधे दिये जा रहे हैं। जैविक बाडिय़ों को विकसित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।