दुर्ग

वादाखिलाफी को लेकर दुर्ग में जुटे संभागभर के कोटवार धरना व रैली कर अपनी दो सूत्रीय मांगों पर की आवाज बुलंद
17-Mar-2023 2:52 PM
वादाखिलाफी को लेकर दुर्ग में जुटे संभागभर के कोटवार  धरना व रैली कर अपनी दो सूत्रीय मांगों पर की आवाज बुलंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दुर्ग, 17 मार्च। दुर्ग संभाग के कोटवार गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में दुर्ग में जुटे। यहां उन्होंने मानस भवन के पास कोटवार एसोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ के बैनरतले धरना देकर राज्य की भूपेश बघेल सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और कोटवारों का नियमितिकरण करते हुए राजस्व विभाग में संविलियन करने व मालगुजारी भूमि का मालिकाना हक देने संहिता में संशोधन करने की अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर जोरदार आवाज बुलंद की। धरना उपरांत कोटवारों ने रैली निकाली। यह रैली मेनोनाइट चर्च, बस स्टैण्ड होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां कोटवार एसोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि मंडल ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और कोटवार हित में मांगे पूर्ण करने पर जोर दिया गया।

इसके पहले धरना में कोटवार एसोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ के संभागीय अध्यक्ष साहेबदास मानिकपुरी और प्रांतीय सचिव नागेश्वर चौहान संयुक्त रुप से कहा कि आजादी के पूर्व से कोटवार पीढ़ी दर पीढ़ी शासन की अंतिम कड़ी के रूप में ग्रामीण स्तर पर रहकर निष्ठापूर्वक अपनी सेवा देते आ रहे है, परन्तु विडंबना है कि कोटवारों को आज तक नियमित कर्मचारी का दर्जा नहीं मिला है।

चुनाव पूर्व कांग्रेस घोषणा पत्र में इस बात का उल्लेख किए जाने के बाद भी शासन द्वारा कोई पहल नहीं की गई है। सन 2019 में पाटन में आयोजित स मेलन में भी मांगों को पूरा करने का वादा किया गया था। जिस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके कारण प्रदेश के कोटवारों में शासन के प्रति असंतोष व्याप्त है।

श्री मानिकपुरी व श्री चौहान ने कहा कि वर्तमान बजट में मानदेय में नाम मात्र की वृद्धि की गई। जिससे कोटवार मायूस है। वैसे ही भू.पू. मालगुजारों द्वारा दी गई माफी जमीन जो अपने-अपने राजस्व मंत्रीत्व कार्य काल में मालिकाना हक में दिया था, वह जमीन भाजपा शासन काल में वापस ले ली गई थी। उसे वापस कोटवारों के हक में देने हेतु कोटवारों के प्रांतीय स मेलन में वादा किया गया था,जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया। जिससे भी कोटवारों में निराशा है।

उन्होंने कहा कि अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की कवायत चल रही है। आंगनबाड़ी व सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाकर उन्हें सौगात दे दिया गया पर 75 वर्ष स्वतंत्रता के बीत जाने के बाद कोटवार आज भी गुलामी की जिन्दगी जीने को मजबूर है। जिनकी ओर शासन द्वारा ध्यान नहीं देना दुर्भाग्यपूर्ण है। मांगें पूर्ण नहीं होने से धरना व रैली में कोटवार खासे आक्रोशित नजर आए। उनका यह आक्रोश धरना व रैली के बीच-बीच में शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी के रुप में प्रकट होता रहा है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news