राजनांदगांव
गढ़चिरौली के जंगल में गए वापस
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 15 अप्रैल। मोहला-मानपुर के जंगल में मौजूद रहा हाथियों का झुंड फिर से महाराष्ट्र के जंगल में लौट गया है। हाथियों के वापस होने से वन महकमे ने राहत की सांस ली है। करीब 4 दिन पहले एकाएक 22 हाथियों का एक दल मोहला-मानपुर के सीमावर्ती परवीडीह गांव में धमक गया था। हाथियों के उत्पात से तीन ग्रामीणों के कच्चे मकान धराशाही हो गए। हाथियों की दस्तक से सीमा से सटे गांवों में दहशत का माहौल बन गया था।
एक जानकारी के मुताबिक 22 हाथियों के झुंड में 3 नवजात शिशु भी हैं। मोहला-मानपुर के लगे क्षेत्रों में हाथी जंगल में विचरण करते हुए चिंगाड मार रहे थे। हाथियों की उपस्थिति से इलाके में बसे वन बाशिदों को रात की नींद हराम हो गई। वहीं उन्हें जान बचाने की चिंता सता रही थी। इस बीच शुक्रवार को एक अच्छी खबर में हाथियों की वापसी की जानकारी सामने आई।
बताया जा रहा है कि वन विभाग की एक टीम लगातार हाथियों के चहल-कदमी पर नजर रखे हुए थी। महाराष्ट्र की सीमा में हाथियों को लौटते देखकर आला अफसरों को थोड़ी राहत महसूस हुई। बताया जा रहा है कि हाथियों के लिए अब यह इलाका अनुकूल बन गया है। वन महकमा उनके स्थाई बसाहट को लेकर एक विशेष कार्ययोजना भी तैयार कर रहा है। पिछले दो-तीन सालों से हाथी दल हर तीन-चार महीने के अंतराल में सीमा से मोहला-मानपुर के जंगल में पहुंच रहे हैं। एक तरह से हाथियों के लिए यह रास्ता कारीडोर में तब्दील हो गया है। इस संबंध में मानपुर के वन परिक्षेत्र अधिकारी अय्यूब खान ने 'छत्तीसगढ़' से कहा कि हाथी दल महाराष्ट्र की ओर चला गया है। उनके गतिविधियों से जुड़ी जानकारी के आधार पर वन महकमा अलर्ट है।