दुर्ग

शिक्षक की भूमिका बच्चों के उज्जवल भविष्य को तरासने और संवारने का कार्य करती है - ताम्रध्वज
20-Jun-2023 2:46 PM
शिक्षक की भूमिका बच्चों के उज्जवल भविष्य को तरासने और संवारने का कार्य करती है  - ताम्रध्वज

छत्तीसगढ़’ संवाददाता

उतई, 20 जून।  दुर्ग विकासखंड शिक्षा विभाग के महत्वकांक्षी एवं बहुप्रतिक्षित कार्यक्रम शिक्षा चौपाल एवं सम्मान समारोह का अयोजन  रविवार को  36 पोर्ट ग्राम कोलिहापुरी में बड़े धूमधाम से हजारों शिक्षकों की सहभागिता से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम में शैक्षणिक वार्ता के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम विशेष आकर्षण का विषय रहा, विकासखंड के प्रतिभाशाली शिक्षकों ने मंच पर अपनी गायकी एवं नृत्य के माध्यम से कार्यक्रम मे समा बांधते हुए प्रारम्भ से कार्यक्रम के अंत तक उपस्थित अतिथियों एवं शिक्षकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया।

इस दौरान राष्ट्रपति पुरस्कार, राज्यपाल पुरस्कार, मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों के साथ-साथ उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों, पी एम श्री तथा सुघघर पढ़वईया में चयनित शालाओं एवं अच्छी वार्षिक कार्ययोजना बनाने वाली शालाओं को उपहार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही समारोह में उपस्थित समस्त शिक्षकों एवं अतिथियों को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की शुरआत विकासखंड शिक्षाधिकारी गोविन्द साव के उद्बोधन से हुआ। उन्होंने इस कार्यक्रम के पीछे की अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों मे नयी ऊर्जा का संचार कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना है।

जिला मिशन समन्वयक सुरेन्द्र पांडेय ने कहा कि समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर हम शिक्षकों को आगे और अच्छे कार्य करने हेतु प्रेरित कर सकते हैं।

जिला शिक्षाधिकारी अभय जायसवाल ने कहा कि यह कार्यक्रम शिक्षकों मे कोरोना काल के  दौर मे आयी हताशा एवं डिप्रेशन को कम करने में निश्चित रूप से एक नया आयाम साबित होगा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ताम्रध्वज साहू ने शिक्षकों एवं पालकों से आग्रह किया कि जितना हो सके बच्चों में संस्कार विकसित करने का प्रयास करें, टेक्नोलॉजी के इस दौर मे संस्कार पिछड़ से गए हैं बच्चे टीवी, मोबाइल तथा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म मे इतने व्यस्त हैं कि वे अपनी संस्कृति एवं संस्कार से विमुख हो रहे हैं इसके लिए समाज के सभी वर्गों को मिलकर इस ओर प्रयास करने की आवश्यकता है।

शिक्षक की भूमिका बच्चों के उज्जवल भविष्य को तरासने और सवारने का कार्य करती है। आगे कहा की शिक्षा और संस्कार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

शिक्षा मनुष्य के जीवन का अनमोल उपहार है जो व्यक्ति के जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल देती है और संस्कार जीवन का सार है जिसके माध्यम से मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण और विकास होता है। जब मनुष्य में शिक्षा और संस्कार दोनों का विकास होगा तभी वह परिवार, समाज और देश के विकास की ओर अग्रसर होगा।

  कार्यक्रम का संचालन पोषण मारकंडे ने किया एवं आभार प्रदर्शन सुरेन्द्र पांडेय जिला मिशन समन्वयक दुर्ग ने किया।

      उक्त कार्यक्रम मे केशव बंटी हरमुख उपाध्यक्ष श्रम कल्याण बोर्ड, जितेन्द्र साहू महामंत्री प्रदेश कांग्रेस कमिटी, योगिता चंद्राकर सभापति जिला पंचायत दुर्ग, राजेश्वरी चंद्राकर सहायक विकासखंड शिक्षाधिकारी, श्रवण सिन्हा बीआर सी, किरण चाँदवानी यू आर सी ,संजय चंद्राकर, चंद्रहास देवांगन, युवराज बेलचंदन, हरीश देवांगन,कौशल प्रसाद देशमुख, किशोर दिल्लीवार, नेम सिंह साहू, चन्द्रहास साहू, मोहन भारदीय रुस्तम, जितेंद्र तोमर,सिंह,श्वेता दुबे , रश्मि नामदेव , प्रज्ञा सिंह, पी. वी. संजना, नीलू महिकवार, संध्या मिश्रा, आर उमाश्री, निधि जैन, संगीता चंद्राकर, ममता साहू, खेमलता गोस्वामी, सुमन प्रधान,लता देवांगन, जागेश्वरी वर्मा,के. शारदा,सपना  यदु राजू वर्मा, नागेंद्र मरावी, सुब्बा नायडू संगीता भेलोंडे, सुरेखा सरपे, राहुल सोनटेके, सुरेन्द्र देशलहरा चैन सिंह साहू धनेश्वर ध्रुवे, विवेकानंद दिल्लीवार, राकेश बैस, अनुपम अग्रवाल देवकीनंदन शर्मा, इन्द्रेश बंजारे, जयंत यादव, कुंजलाल देशमुख, बृजकिशोर शर्मा, एवं हजारों की संख्या मे शिक्षक उपस्थित रहे।

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