सरगुजा

बालक स्कूल में टीबी जागरूकता कार्यक्रम, आई फ्लू की भी दी जानकारी
28-Jul-2023 8:38 PM
बालक  स्कूल में टीबी जागरूकता कार्यक्रम, आई फ्लू की भी दी जानकारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,28 जुलाई।
पिरामल फाउंडेशन क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत सरगुजा जिले में स्थित दरिमा शासकीय बालक हायर सेकेंडरी स्कूल में टीबी जागरूकता कार्यक्रम किया गया, जिसमें जिला क्षय अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र कुमार गुप्ता  के मार्गदर्शन में टीबी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।  दरिमा हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य  टी.एस. सांडिल्य के सहयोग से  कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

जिसमें पिरामल फाउंडेशन जिला कार्यक्रम अधिकारी महेंद्र कुमार तिवारी के द्वारा सभी बच्चों एवं शिक्षकों को टीबी बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। जिसमें टीबी क्या है, टीबी कितने प्रकार की होती है, टीबी कैसे फैलती है, इसका कारण क्या है। और इसका इलाज कहां और कैसे होता है। साथ ही विद्यार्थियों को यह भी बताया गया टीबी दो प्रकार की होती है। एक पल्मोनरी टीबी दूसरा एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी, इनमें से पल्मोनरी टीबी जो है वो फेफड़े से संबंधित है जो एक से दूसरे व्यक्ति को फैलता है। दूसरा एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी फेफड़ों को छोड़ कर अन्य किसी भाग में पाई जाती है तो उसे एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी कहते हैं। जैसे- लिंप नोड साथ ही साथ यह भी बताया गया कि बाल और नाखून को छोड़ कर टीबी शरीर के किसी भी हिस्से में हो जाती है। टीबी एक फैलने वाली बीमारी है जो हवा के माध्यम से फैलती है। 

पिरामल फाउंडेशन टीम के द्वारा लगातार जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि टीबी बिमारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके। ताकि स्कूल के बच्चों को भी टीबी बिमारी की जानकारी हो और वह बच्चे भी लोगों को टीबी के प्रति अपने घर और आस पास मे बता सकें। 

प्राचार्य के द्वारा कहा गया कि ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो हम इसकी जानकारी आपको बताएंगे। ताकि टीबी बिमारी को जड़ से खत्म किया जा सके। जिससे कि हमारा स्कूल सहित गांव स्वस्थ और सुरक्षित रहें। पिरामल टीम के द्वारा इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचाने के हेतू लगातार टीबी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। 
जिससे कि हम अपने जिले को  टीबी मुक्त बनाने में सहयोग कर सकें। और ज्यादा से ज्यादा संभावित मरीजों, और समुदाय तक पहुंच कर जांच करा सकें।

टीबी एक जानलेवा बीमारी है जिसका समय रहते उपचार किया जाय तो मरीज ठीक हो सकता है। सरस्वती विश्वकर्मा जी के द्वारा बताया गया कि  किसी भी बच्चे या गांव में किसी भी व्यक्ति को टीबी के लक्षण दिखाई देते हैं तो इसकी जानकारी आप अपने नजदीकि स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इलाज करवा सकते हैं। 

प्राचार्य सहित शिक्षकों और सभी बच्चों को टीबी मुक्त देश बनाने के लिए महेंद्र तिवारी के द्वारा शपथ  दिलाई गई। जिसमे आईईसी मटेरियल भी स्कूल में उपलब्ध कराई गई। कार्यक्रम में 230 विद्यार्थी और 21 शिक्षक उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल कर्मचारियों का सहयोग रहा।

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