राजनांदगांव
डोंगरगांव-राजनांदगांव मार्ग में चूना पत्थर खदान बंद करने डटे ग्रामीण, स्टे के चलते प्रशासन ने कार्रवाई से किया इन्कार
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 29 अगस्त। राजनांदगांव-डोंगरगांव रोड में स्थित घोरदा में संचालित एक चूना पत्थर खदान को बंद कराने की मांग को लेकर सोमवार शाम से चक्काजाम करने अमादा ग्रामीण आधी रात सड़क से हट गए। शाम लगभग 5 बजे से शुरू हुआ चक्काजाम आधी रात करीब 11.30 बजे तक चला।
ग्रामीणों का आरोप है कि चूना पत्थर खदान बंद करने की मांग को प्रशासन अनसुना कर रहा है। जबकि प्रशासनिक स्तर पर यह बात कही जा रही है कि कलेक्टर ने खदान को बंद करने का आदेश जारी कर दिया, लेकिन हाईकोर्ट से स्टे मिलने के कारण खदान को बंद करना प्रशासन के हाथ में नहीं है। लिहाजा इस मामले को लेकर ग्रामीण और प्रशासन आमने-सामने आ गए। नारेबाजी करते हुए शाम को घोरदा के ग्रामीणों ने राजमार्ग को बाधित कर दिया। महिलाएं-पुरूष और बच्चे सड़क पर बैठ गए। इसके चलते आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित हुई।
बताया जा रहा है कि खदान को बंद करने के लिए ग्रामीणों ने प्रशासन से गुजारिश की थी। कलेक्टर ने तत्काल जनभावनाओं की मांग पर खदान को बंद करने का आदेश दिया। खदान संचालक ने कलेक्टर के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने संचालक के पक्ष में फैसला सुनाते कलेक्टर के निर्देश पर रोक लगा दी। इसके बाद से लगातार खदान में खुदाई का काम चल रहा है। करीब 3 माह से ग्रामीण खदान बंद करने के लिए लामबंद हैं। खदान में मनमानी खुदाई और ब्लास्टिंग की वजह से जलस्तर घट गया है। लोगों को हैंडपंप से पानी मिलना बंद हो गया है। खदान संचालक ने अवैध निर्माण भी शुरू किया है। खदान के कारण ग्रामीणों की जीवनशैली पूरी तरह से प्रभावित हो रही है।
ग्रामीण इस बात को लेकर हैरत में है कि जनहित से जुड़े संवेदनशील मामले में भी प्रशासन आंख मूंदकर संचालक के पक्ष में खड़ा है। मौके पर पहुंचे एसडीएम, तहसीलदार और थाना प्रभारियों ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की। कई बार समझाईश भ्ी दी गई, पर ग्रामीण अपनी मांगों को जायज ठहराते हुए प्रदर्शन करने उतारू रहे। इस बीच देर रात को चक्काजाम समाप्त कर दिया गया। पुलिस और प्रशासन के रवैये से ग्रामीण काफी नाखुश हैं। बताया जा रहा है कि चुनावी गतिविधियों के दौरान इस मामले को लेकर भी फिर से ग्रामीण आवाज उठा सकते हैं।