राजनांदगांव
नए बैरक निर्माण का प्रस्ताव लंबित
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 1 सितंबर। जिला जेल में तय क्षमता से अधिक सजायाफ्ता और विचाराधीन बंदियों को रखा गया है। निर्धारित क्षमता से लगभग ढाई गुना ज्यादा कैदियों को अलग-अलग बैरकों में रखा गया है। लगातार बढ़ते अपराध के कारण स्थानीय जिला जेल में विचाराधीन बंदियों की तादाद ज्यादा है। जबकि तीन साल से कम सजा काट रहे कैदियों की संख्या सीमित है।
उम्रकैद और तीन साल से अधिक सजा पाने वाले कैदियों को दुर्ग अथवा रायपुर केंद्रीय जेल में शिफ्ट कर दिया जाता है। इसके बाद भी स्थानीय जेल में लगातार विचाराधीन बंदियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यही कारण है कि 156 कैदियों की क्षमता वाले इस जेल में वर्तमान में 376 कैदी बंद हैं। बताया जा रहा है कि लंबे समय से नए बैरक निर्माण की मंजूरी जेल मुख्यालय में लंबित है। जेल परिसर में पर्याप्त जगह होने के बावजूद बैरक निर्माण की मंजूरी देने में वक्त ले रहा है।
जेल प्रबंधन के सामने कई तरह की व्यवहारिक परेशानियां भी हैं। बैरकों में कैदियों की संख्या में रोजाना बढ़ोत्तरी हो रही है। जेल प्रबंधन ने कई दफे राज्य शासन से बैरक निर्माण को मंजूरी देने की मांग की है। जेल परिसर के भीतर नए बैरक के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। मंजूरी मिलने के बाद जेल के दीवारों की ऊंचाई भी बढ़ाई जाएगी। जेल में बंद कैदियों को नए बैरक मिलने से राहत मिलेगी। इस संबंध में जेल अधीक्षक अक्षय सिंह राजपूत ने 'छत्तीसगढ़' से कहा कि जेल की क्षमता को घटाने के लिए नए बैरक का निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य किया जाएगा। लगातार जेल की क्षमता पर कैदियों की बड़ी संख्या से दबाव बढ़ा है। सुरक्षा पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है।