राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 सितंबर। पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म के संबंध में दिए गए विवादास्पद एवं आपत्तिजनक बयान पर घोर आपत्ति दर्ज करते इस बयान को डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के वैचारिक दिवालियापन एवं असंतुलित मानसिक स्थिति का नतीजा बताया है।
उदयनिधि द्वारा सनातन धर्म की तुलना मलेरिया, डेंगू और कोरोना से किए जाने और सनातन धर्म को खत्म किए जाने संबंधी बयान को आड़े हाथों लेते बीजेपी नेता मधुसूदन ने इसे उदयनिधि द्वारा तात्कालिक राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से उठाया गया एक निपट मूर्खतापूर्ण, स्वार्थपरक एवं शर्मनाक कदम कर दिया है, जो उनके मंत्री पद की गरिमा के सर्वथा प्रतिकूल है और जो उनके राजनीतिक जीवन के सूर्य को हमेशा के लिए अस्त कर देगा ।
श्री यादव ने सनातन धर्म की महिमा का बखान करते कहा कि लगभग 5000 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने मानव जाति के कल्याण के लिए कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। जिसमें मानव जीवन में उत्पन्न होने वाले सभी प्रश्नों का उत्तर समाहित है। उस समय विश्व के कई महाद्वीपों में मानव सभ्यता आदिमानव के रूप में धीरे-धीरे पल्लवित हो रही थी।