राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 अगस्त। छत्तीसगढ़ प्रदेश की पारंपरिक पर्व पोला आगामी दिनों में धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके लिए बाजार में मिट्टी के बैल व पोला बाजार में बिक्री के लिए पहुंचने लगे हैं। ऐसे में बाजार में त्यौहार के मद्देनजर चहल-पहल बढऩे की संभावना है। शहर में भी पारंपरिक रूप से त्यौहार मनाने की तैयारी चल रही है। त्यौहार को लेकर बाजार में हलचल बढ़ी है।
परंपरागत मिट्टी से निर्मित बैल जोड़े की खरीदी-बिक्री के लिए पहुंचने लगे हैं। वहीं व्यापारिक मार्गों में चहल-पहल आगामी दिनों बढऩे की उम्मीद व्यापारी लगा रहे हैं। पोला पर्व का छत्तीसगढ़ की परंपरा में अलग महत्व है। इस पर्व में बैलों की विशेष साज-सजावट और पूजा-अर्चना होती है। घरों में मिट्टी से बने बैलों की पूजा करने के बाद त्यौहार का शुभारंभ होता है। घरों में खास तरह के पकवान भी त्यौहार के अवसर पर बनाए जाते हैं। जिसमें ठेठरी-खुरमी के अलावा, बड़ा, भजिया समेत अन्य व्यंजन बनाए जाते हैं। पोला पर्व को मनाने के लिए एक बड़ा समुदाय प्रतिक्षारत रहा है।
गांवों में इस पर्व को लेकर विशेष तरह की तैयारियां की जाती है। बैलों को खासतौर पर इस दिन धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप पूजा जाता है। उधर कहीं-कहीं बैल दौड़ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। जिले में पोला पर्व मनाने के लिए किसानों ने भी खास तैयारी की है। महिलाओं ने पसंदीदा व्यंजनों को घरों में बनाने की तैयारी की है। बच्चों में मिट्टी निर्मित बैलों को दौड़ाने की परंपरागत रिवाज को लेकर उत्साह दिख रहा है।