रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 सितंबर। एमजी रोड स्थित जैन दादाबाड़ी प्रांगण में चल रहे मनोहरमय चातुर्मासिक प्रवचन श्रृंखला में पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व के पहले दिन मंगलवार को नवकार जपेश्वरी साध्वी शुभंकरा श्रीजी ने कहा कि किसी को भय देना, डर दिखाना आपके जीवन को भयावह बन सकता है। आप सभी को अभयदान दीजिए, आपके जीवन में निर्भयता आ जाएगी। हमसे कोई आगे ना बढ़ जाए, यह डर आपको सताता है और आप किसी की मदद नहीं करते उल्टा उन्हें डर दिखाते हैं कि आगे आएगा तो तुझे ऐसी-ऐसी परेशानियों को सामना करना पड़ेगा। यह बिल्कुल भी न्यायोचित नहीं है, अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो आपको बिल्कुल सावधान हो जाना चाहिए और लोगों को अभयदान देना चाहिए। किसी को निर्भयता के साथ आगे बढ़ाने का कार्य आप करेंगे तो आपका जीवन भी खुशहाल हो जाएगा।
साध्वीजी ने बताया कि एक नगर में एक राजा रहता था उसकी पांच रानियां थी, जिसमें से पांचवी रानी उपेक्षित थी। एक दिन राजा अपने चारों रानी के साथ नगर भ्रमण में निकला और इस समय एक चोर को कैद करके फांसी की सजा देने ले जाया जा रहा था। यह देख एक रानी के मन में करुणा का भाव जागृत हुआ और उन्होंने राजा से उस चोर को एक दिन छोडऩे के लिए कहा और चोर की भक्ति करने की अनुमति मांगी। राजा ने अनुमति दे दी फिर रानी उस चोर को अपने साथ नगर ले गई।