रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 सितंबर। राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग और माशिमं से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए बिगुल फूंक दिया है। छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिशन ने रायपुर में विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में है। दरअसल, छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के प्राइवेट स्कूल संचालकों के 250 करोड़ रुपए रोक दिया है। इसके खिलाफ एसोसिएशन ने 14 सितंबर को प्रदेशभर के निजी स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया है।
एसोसिएशन ने इस संबंध में अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे को ज्ञापन भी सौंपा है। आंदोलन के पहले चरण में 14 सितंबर को प्रदेश के सभी निजी स्कूल बंद रहेंगे। इसके बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग मांग की ओर से मांगें पूरी नहीं करने पर सडक़ पर उतरेंगे। आंदोलन के दूसरे चरण में 21 सितंबर को प्रदेश के सभी निजी स्कूल संचालक रायपुर में एकत्र होकर विभाग के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।
250 करोड़ राशि अब तक नहीं मिली
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि आरटीई के तहत निजी स्कूलों को 250 करोड़ राशि अब तक नहीं मिली है। विभागीय अधिकारी समस्या का निदान नहीं कर रहे हैं। समय पर पैसे नहीं मिलने से छोटे स्कूलों के संचालन में काफी परेशानी हो रही है। हर बार आश्वासन दिया जा रहा है पर समस्या जस की तस है, इसलिए ऐसा कदम अख्तियार करना पड़ रहा है।
इन 8 मांगों को लेकर
जंगी प्रदर्शन की तैयारी
पिछले 12 वर्षों से आरटीई की राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है। इस दौरान प्राथमिक से लेकर हायर सेकंडरी तक की पढ़ाई में आरटीई की राशि बढ़ा दी गई।
स्कूल बसों की पात्रता अवधि छत्तीसगढ़ में 12 वर्ष है। इसे बढ़ाकर 15 वर्ष किया जाए।
निजी स्कूलों में पढऩे वाली बालिकाओं को भी सरस्वती साइकिल योजना का लाभ दिया जाए।
निजी स्कूलों के सभी खातों को पीएफएमएस के अंतर्गत पंजीकृत किया जाए।
गणवेश की राशि 540 रुपए से बढक़र 2000 की जाए।
निजी विद्यालय में अध्ययनरत एसी, एसटी, ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को मिलने वाले प्री मैट्रिक और पोस्ट मीट्रिक छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाई जाए।
निजी स्कूलों के अध्यापकों को स्कूली शिक्षा में भर्ती पर बोनस अंक प्रदान किया जाए। जैसे आत्मानंद के शिक्षकों को दिया जाता है।
स्कूलों ने दो साल तक आरटीई प्रतिपूर्ति का दावा किया ही नहीं-विभाग
आरटीई अन्तर्गत जिन विद्यालयों के द्वारा विगत वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 दोनो वर्षों का दावा नहीं किया गया है उनके लिये विभाग द्वारा आरटीई पोर्टल खोलने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2020-21 के लंबित भुगतान दावा के लिए 21 एवं 22 सितम्बर 2023 को तथा वर्ष 2021-22 के लंबित भुगतान दावा के लिए 25 एवं 26 सितम्बर 2023 तक पोर्टल को खोला जाएगा। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इस संबंध में समस्त निजी विद्यालयों को सूचित किया गया है, ताकि वे निर्धारित तिथियों में दावा करें। संबंधित निजी विद्यालयों के दावा राशि के सत्यापन उपरांत पात्र विद्यालयों के खाते में राशि अन्तरित करने की कार्यवाही की जाएगी।
प्रकरण के संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि जिन निजी विद्यालयों का भुगतान लंबित है उनके स्वयं के द्वारा निर्धारित समय पर दावा नहीं किया गया है, या उनके द्वारा नोडल अधिकारी से सत्यापन करा कर आवश्यक दस्तावेज समय पर जिला कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है। यथा वर्ष 2020-21 में सेन्ट्रल हेड (कक्षा 1 से 8वीं) में 162 निजी विद्यालय एवं स्टेट हेड (कक्षा 9वीं से 12वीं) में 147 निजी विद्यालयों के द्वारा समय पर दावा नहीं किया गया है, जिनका भुगतान लंबित है। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में सेन्ट्रल हेड (कक्षा 1 से 8वीं) में 62 निजी विद्यालय एवं स्टेट हेड (कक्षा 9वीं से 12वीं) में 103 निजी विद्यालयों के द्वारा समय पर दावा नहीं किया गया है।