रायपुर

कोई दाल खाकर खुश है तो कोई माल पाकर-साध्वी
14-Sep-2023 6:29 PM
कोई दाल खाकर खुश है तो कोई माल पाकर-साध्वी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 14 सितंबर। एमजी रोड स्थित जैन दादाबाड़ी प्रांगण में चल रहे मनोहरमय चातुर्मासिक प्रवचन श्रृंखला में पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व की तृतीय प्रभात पर गुरूवार को नवकार जपेश्वरी साध्वी शुभंकरा श्रीजी ने कहा कि आज को दाल-रोटी खाकर खुश है तो कोई माल पाकर खुश है। असल में खुशहाल वही है जो अपने वर्तमान परिस्थितियों में खुश है। आज हम पर्युषण पर्व मना रहे है, यह उस अंधेरे कमरे के समान है जहां एक मोमबत्ती जली और 5 मिनट में बुझ गई। अब इन पांच मिनट के उजाले में जिसने हीरा ढंूढ लिया, वह भाग्यशाली है। परमात्मा की भक्ति आदिकाल से चली आ रही है और यह अनंत काल तक चलती रहेगी।

उन्होंने बताया कि पर्यूषण पर्व सबसे श्रेष्ठ है। यह परमात्मा की आराधना करने, व्रत, उपवास, तप, करने का उत्तम समय हैं। पर्युषण पर्व जीव को उत्तम गुणों को अपनाने की प्रेरणा देता है। इन आठ दिनों में हमें व्रत, तप, साधना कर आत्मा की शुद्धि का प्रयास करना है और स्वयं के पापों की आलोचना करते हुए भविष्य में उनसे बचने की प्रतिज्ञा करनी हैं। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य आत्मा को शुद्ध बनाने के लिए आवश्यक उपक्रमों पर ध्यान केंद्रित करना है।

साध्वीजी कहती है कि दुनिया में अच्छाइयां भी हैं और बुराइयां भी। आपको वही नजऱ आएगा जैसा आपका नजरिया है। अच्छी दुनिया को देखने के लिए नजारों को नहीं, नजरिये को बदलिए। हम केवल अच्छे लोगों की तलाश मत करते रहें, वरन खुद अच्छे बन जाएं। ताकि हमसे मिलकर शायद किसी की तलाश पूरी हो जाए। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं जब कोई अपना दूर चला जाता है तो तकलीफ होती है। परंतु असली तकलीफ तब होती है जब कोई अपना पास होकर भी दूरियां बना लेता है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news