राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 सितंबर। संसद के नए भवन में 19 सितंबर को महिला आरक्षण बिल प्रस्तुत करके प्रधानमंत्री मोदी ने देश के इतिहास में महिला सशक्तिकरण एवं नारी उत्थान का एक नया अध्याय रच दिया है जिसके लिए उन्हें आदर एवं सम्मान के साथ याद किया जाएगा। उक्ताशय के विचार प्रकट करते भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नीलू शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास करवाने पर हर्ष व्यक्त करते देश की मातृशक्ति की तरफ से उनका आभार व्यक्त किया है।
भाजपा नेता नीलू ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित करवाए जाने के कृत्य को पीएम मोदी की तरफ से देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई को दी गई सच्ची श्रद्धांजलि निरूपित किया है।
उन्होंने कहा है कि पूर्व में तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तीन बार इस महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पारित करवाने के सकारात्मक एवं संवेदनशील प्रयास किए थे, किंतु लोकतांत्रिक विवशताओं के कारण और विपक्ष की स्वार्थजन्य राजनीति के कारण यह बिल सदन में पास नहीं हो पाया था, किंतु वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के कुशल रणनीति से लोकसभा में इस बिल को आसानी से पारित कर लिया गया है, जो की भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की अद्वितीय उपलब्धि के रूप में गिना जा रहा है।
प्रदेश प्रवक्ता नीलू ने कहा है कि पीएम मोदी अपने राजनीतिक जीवन में सदैव ही महिलाओं की पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक सशक्तिकरण एवं समानता के पैरोकार रहे हैं और अपने कार्यकाल में उन्होंने महिला के हित से जुड़े कई अभूतपूर्व फैसले लिए है, जो राष्ट्र निर्माण में महिलाओं के सहभागिता एवं योगदान को रेखांकित करता है। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पारित करवाने में बीजेपी को प्राप्त सफलता मोदी की की महत्वाकांक्षी उपलब्धि बताते भाजपा नेता नीलू ने कहा कि महिला आरक्षण वर्तमान समय की मांग है, क्योंकि भारत देश का समाज एक पुरुष प्रधान समाज है और तमाम प्रगति के बाद भी महिलाओं को बराबरी का स्थान नहीं मिल सका है, जो उन्हें मिलना चाहिए और अब संसद में महिला आरक्षण बिल पास हो जाने से यह संभव हो पाएगा।
प्रदेश प्रवक्ता नीलू ने आरोप लगाया है कि महिला आरक्षण कानून बनाने की पहल पिछले 27 वर्षों से हो रही थी, लेकिन विपक्षी दलों के पुरुष सांसदों को अपनी राजनीतिक जमीन छीन जाने के भय के कारण यह बिल संसद में पारित नहीं हो पा रहा था, किंतु आज मोदी की इच्छाशक्ति, संकल्पशक्ति एवं दृढ़ आत्मविश्वास से ही यह संभव हो सका है।
इसलिए यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि मोदी हैं, तो मुमकिन है।