रायपुर
कुकरेजा ने दिखाई ताकत, वासू, विजय ने भी भरा फार्म
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अक्टूबर। सामाजिक और राजनीतिक रूप से मजबूत समाज में से एक सिंधी समाज एक बार फिर ताकत दिखाई है। वासू जोतवानी निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। इससे पहले अजीत कुकरेजा रायपुर उत्तर सीट से टिकट के प्रबल दावेदार में रहे हैं। किंतु अंत में पार्टी ने दे बार के विधायक कुलदीप जुनेजा को बी फार्म जारी किया है । जुनेजा ने एक दौर का फार्म जमा कर दिया है। कांग्रेस से कुकरेजा और भाजपा से श्रीचंद सुंदरानी की टिकट कटने से सिंधी समाज नाराज है। इसी सीट पर सिंधी आबादी और वोटर्स का दबदबा है। नाराज समाज ने पिछले दिनों तेलीबांधा के धर्मशाला में बैठक कर सबक सिखाने का फैसला किया था। इसमें समाज की ओर से ये दोनों दावेदार शामिल नहीं हुए थे। बैठक इन्ही दोनों की पहल पर बुलाई गई थी। बैठक में मौजूद महिला, पुरुषों ने दोनों दलों को सबक सिखाने निर्दलीय का विकल्प सुझाया था। इसी के तहत अजीत कुकरेजा और वासू जोतवानी ने दावेदारी पेश कर दी है। कुकरेजा ने मरीन ड्राइव से एक बड़ी रैली के साथ कलेक्टोरेट जाकर पर्चा दाखिल किया। उनके साथ कांग्रेस का कोई नेता नहीं था। यह भी कहा जा रहा है कि आज या कल सीएम बघेल अजीत को तलब कर चर्चा कर सकते हैं। ताकि वह नाम वापस ले। ऐसा न होने पर पार्टी अजीत को निष्कासित कर सकती है।
वासू दोपहर 12 बजे झूलेलाल साई जी की 56 फिट मूर्ति केनाल रोड राजेंद्र नगर से नामाकन रैली निकाली। वासू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर जारी कर समाज के लोगों को ज्यादा से ज्यादा संख्या मे उपस्थित होने का आग्रह किया है। वासू ने नारा दिया है जागो सिंधी समाज जागो। अभी नहीं तो कभी नहीं। वासू की दावेदारी के पीछे भाजपा,या कांग्रेस का नेतृत्व है इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है। अजीत, और वासू, सिंधी समाज से दो और प्रत्याशी हो गए हैं। इससे पहले आप पार्टी ने विजय गुरूबक्षाणी को टिकट दिया है । ऐसे में समाज के वोट भाजपा, कांग्रेस के बजाए अजीत, विजय, वासू के बीच बंटने की बात कही जा रही है।
होरा पड़े नरम, नहीं लड़ेंगे निर्दलीय
कांग्रेस के पूर्व विधायक गुरूमुख सिंह होरा ने अपने बागी तेवर वापस ले लिए हैं। वे अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। आज पत्रकारों से चर्चा में कहा कि पूरी तरह कांग्रेस का समर्थन करेंगे। धमतरी से दावेदार रहे होरा ने टिकट कटने पर कुछ दिन पहले निर्दलीय चुनाव लडऩे नामांकन पत्र खरीदा था। लेकिन वह अब चुनाव नहीं लडऩे का फैसला लिए हैं।
पूर्व विधायक होरा ने कहा कि प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा और विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत से मुलाकात के बाद उन्होंने चुनाव नहीं लडऩे का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा, पार्टी में गुटबाजी के शिकार नहीं होते हैं और होते भी हैं तो थोड़ी तकलीफ होती है, उस तकलीफ को सहना भी चाहिए. चरणदास मंहत मेरे वरिष्ठ है उनका सहयोग और प्रेम बना हुआ है, उन्हीं की समझाइश है कि हमें चुनाव नहीं लडऩा चाहिए।