दुर्ग

धान खरीदी शुरू होने के एक सप्ताह बाद 204 बायोमैट्रिक्स मशीन पहुंची
10-Nov-2023 3:34 PM
धान खरीदी शुरू होने के एक सप्ताह बाद 204 बायोमैट्रिक्स मशीन पहुंची

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दुर्ग, 10 नवंबर। जिले में इस बार बायोमैट्रिक्स प्रणाली आधारित धान खरीदी किया जाना मगर है 1 नवम्बर तक बायोमैट्रिक्स मशीने नहीं पहुंच पाने पर पूर्व की भांति धान खरीदी शुरू करने निर्देश जारी करना पड़ा अब जाकर धान खरीदी शुरू होने के एक सप्ताह बाद 204 बायोमैट्रिक्स मशीन पहुंची है। इसे तत्काल मार्कफेड द्वारा सभी समितियों के उपार्जन केन्द्र पहुंचवाया गया समितियों में मशीन पहुंचने के बाद इंस्टाल किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक जिले में1 नवम्बर से धान खरीदी शुरू हो गई है, अब तक जिले के102 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से पौने दो लाख क्विंटल धान किसानो से पूर्व की भांति खरीदी भी की जा चुकी है।

 बायोमैट्रिक्स में दो डिवाइस फिंगर प्रिंट और आईरिस मशीन है फिंगर प्रिंट मशीन से अंगूठे का निशान लिया जाता है वहीं आईरिस मशीन से आंख का आईरेस लिया जाता। उपार्जन केन्द्रों की संख्या के आधार पर 102 फिंगर प्रिंट मशीन एवं 102 आइरिस मशीन जिले की प्राप्त हुआ इसके हिसाब से हर उपार्जन केन्द्र में 2 -2 डिवाइस भेजे गए हैं।

इसलिए नहीं पहुंच पाई थी मशीन

बताया जाता है कि चुनाव आचार संहिता के कारण समय पर बायोमेट्रिक मशीन की खरीदी के लिए आर्डर नहीं किया जा सका था। आचार संहिता के बाद नियमानुसार निर्वाचन आयोग से टेंडर के लिए अनुमति में समय लग गया। इस कारण मशीनों की सप्लाई धान खरीदी शुरू होने के एक सप्ताह बाद हो पाई है इसके बाद अब बायोमेट्रिक सुविधा लागू कर दी जाएगी।

पहले दिन मशीन इंस्टाल करने में समय लगने की वजह से कुछ किसानों ही बायोमैट्रिक्स लेकर ट्रायल किया गया अधिकांश किसानों से पूर्व की भांति ही धान खरीदी की गई।

जिले में पिछली बार 98 केंद्रों में धान की खरीदी की गई थी। इस बार 4 नए खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। इस तरह जिले में अब खरीदी केंद्रों की संख्या 102 हो गई है। किसानों की सुविधा के लिए धमधा के पथरिया, पेंड्री क, तुमाकला और दारगांव में नए खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। अफसरों ने बताया कि नए खरीदी केंद्रों में भी जरूरी सभी व्यवस्थाएं कर ली गई है।

110824 किसानों ने कराया पंजीयन

जिले में इस बार धान बेचने के लिए 1 लाख 10 हजार 824 किसानों ने पंजीयन कराया है। इन किसानों का रकबा 1 लाख 19 हजार 135 हेक्टेयर है। जबकि पिछली बार 1 लाख 4 हजार 968 किसानों ने 1 लाख 20 हजार 7 हेक्टेयर का पंजीयन कराया था।

डीएमओ भौमिक बघेल का कहना है कि जरूरत के हिसाब से जिले को पर्याप्त बायो मैट्रिक्स प्राप्त हो चुका प्राप्त मशीन जिले के सभी सहकारी समितियों में पहुंचा दी गई है।

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