दुर्ग

आनंद सरोवर में स्वास्थ्य शिविर
27-Nov-2023 4:16 PM
आनंद सरोवर में स्वास्थ्य शिविर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दुर्ग, 27 नवंबर। रविवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के बघेरा स्थित आनंद सरोवर में एक दिवसीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन हुआ जिसमें ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय माऊँट आबू राजस्थान से  डॉ. वेणुगोपाल जी का आगमन हुआ।

इस आयोजन में ब्रह्माकुमारी रीटा बहन बहन (संचालिका ब्रह्माकुमारीज दुर्ग) , भानुप्रताप सिंह (मुख्य वन संरक्षक- रायपुर) बतौर अतिथि उपस्थित हुए व सहज प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र दुर्ग के सदस्य डॉ. निर्मला गुप्ता, डॉ. नेतराम साहू, डॉ.छगनलाल सोनवानी , डॉ. मेघराज साहू , डॉ. प्रमोद नामदेव , मनोज ठाकरे के द्वारा डॉ. वेणुगोपाल जी को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। 

ब्रह्माकुमारी रीटा बहन ने आए हुए आगंतुक अतिथि व आयोजन में विभिन्न स्थानों से आए हुए लोगों का स्वागत किया। डॉ. वेणुगोपाल जी का परिचय देते हुए ब्रह्माकुमारी रूपाली बहन ने बताया कि ब्रह्माकुमारीज द्वारा प्रसारित होने वाले चैनल पीस ऑफ माइंड में 2006 से आपके नियमित कार्यक्रम आयोजित हो रहा है जिसमें रूप मुख्य रूप से प्रेरणा कार्यक्रम है जिसमें समाज में अपने उल्लेखनीय कार्य कर अपने कार्यों से अन्य लोगों को प्रेरणा देते है उनका साक्षात्कार होता है, जिसका 500 एपिसोड बन चुका है, जिसे ब्रह्माकुमारीज के पीस ऑफ माइण्ड  में या यू ट्यूब में ब्रह्माकुमारी प्रेरणा नाम से सर्च करके देखा जा सकता।

आप नेचुरोपैथी विशेषज्ञ भी है सदा स्वस्थ कैसे रहें व आपका स्वास्थ्य आपकी मु_ी में है इस पर आपने अनेकों स्थान पर व्याख्यान देकर हजारों लोगों को लाभान्वित किए हैं।  डॉ. वेणुगोपाल ने अपने व्याख्यान में बताया कि आत्मा इस शरीर के द्वारा सुख-दु:ख का अनुभव करती है किन्तु शरीर स्वस्थ्य नहीं होगा तो जो सुख जीवन में प्राप्त करना चाहते है वह प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

स्वास्थ्य की शिक्षा बाल्यकाल से ही स्कूलों में होना चाहिए जो ज्ञान हमें बचपन में प्राप्त करना चाहिए वह ज्ञान हमें बहुत देर के पश्चात् हमें मिलता है जिसके कारण जीवन का सम्पूर्ण आनंद नहीं ले पाते, स्वास्थ्य क्या है अस्वस्थ्य क्या है इसका ज्ञान जरूरी है हम दैनिक जीवन में क्या गल्ती कर रहें है, उसे जानना जरूरी है।

शरीर के साथ मन का स्वास्थ्य भी जरूरी है जितना मानसिक अस्वस्थता होगी उतना शरीर में हानिकारक रसायन का स्त्राव होने लगता है और शरीर अस्वस्थ्य होगा।

स्वस्थ व्यक्ति के भिन्न-भिन्न लक्षण आपने बताया   

गहरी नींद, आसान शौच प्रक्रिया का ना -सारी बीमारियों का जड़ यह है। अच्छी भूख लगना। ऊँचाई के हिसाब से आपके शरीर का वजन होना चाहिए। चेहरा चमकदार होना चाहिए। आलस्य से मुक्त, दर्द रहित रोग के विषय में बोलते हुए कहा कि रोग क्या है ?

एक असमान्य स्थिति है...... अर्थात शरीर के आंतरिक उर्जा का प्रवाह में अवरोध। सभी बीमारियों का कारण आत्मा के शक्ति का शरीर के सभी अंगो में  प्रवाह में रुकावट।

स्वस्थ्य रहने के लिए दो चीज करना है।

1 - टॉक्सिन का नियमित सफाई 2- प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

हृदय में जमा होने से हृदय घात

जोड़ों में जमा होने से जोड़ों में दद, पेन्किय़ाज में जमा होने से डायबिटिज।

टॉक्सिन क्यों बनते है

विरुद्ध आहार- शरीर को दूषित करने वाला, आहार का गलत संयोजन , आहार की गलत मात्रा , आहार गलत समय पर , प्रतिकुल ऋतु, गर्मी के दिनों में पाचन तंत्र धीमा होता है इसलिए उस समय आम खाते हैं तो पाचन तंत्र ठीक रहता है। ठंडी के दिनों में पाचन तंत्र तीव्र होता है उस समय प्रकृति हमें संतरा देती है जिसे खाने से हमारा पाचन तंत्र बैलेंस में रहता है।

एक शरीर को जन्म देने वाली मां है दूसरा प्रकृति मां है कभी भी कोई मां अपने बच्चों को गलत आहार नहीं देगी ठीक उसी प्रकार प्रकृति हमारी मां है। हर ऋतु में प्रकृति हमें ठीक उसी प्रकार फल देता है जो हमें स्वस्थ रखें ।

 मंच संचालन करते हुए ब्रह्माकुमारी रूपाली बहन ने बताया इस अवसर पर बघेरा स्थित आनंद सरोवर में 27 नवम्बर से नि:शुल्क राजयोग शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसका समय सुबह 7.30-8.30 सुबह 9 से 10 शाम को 5 से 6 और 6.30 से 7.30 है। कार्यक्रम में कुमारी युक्ति और चंद्राणी ने मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी।

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