रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 दिसंबर। मार्गशीर्ष (अगहन) मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को भगवान श्रीराम तथा जनकपुत्री जानकी (सीता) का विवाह हुआ था। तभी से इस पंचमी को च्विवाह पंचमी पर्वज् के रूप में मनाया जाता है।
श्रीरामचरितमानस के अनुसार- महाराजा जनक ने सीता के विवाह हेतु स्वयंवर रचाया। सीता के स्वयंवर में आए सभी राजा-महाराजा जब भगवान शिव का धनुष नहीं उठा सकें, तब ऋषि विश्वामित्र ने प्रभु श्रीराम से आज्ञा देते हुए कहा- हे राम! उठो, शिवजी का धनुष तोड़ो और जनक का संताप मिटाओ , तब राम जी ने धनुष मे प्रतंचा चढाया और सभी लोको मे जयजयकार हुआ।
श्री जैतु साव मठ पुरानी बस्ती रायपुर मे रामजानकी विवाहोत्सव मनाया गया, सीताराम जी को 5 दिन? पुर्व से तेलहरदी चढाया जा रहा था , आज राम जानकी जी का पवित्र गठबंधन कर विधिवत विवाह सम्पन्न कराया गया। साथ ही महिला मंडली द्वारा विवाह मंगलगीत से मंदिर गुंज उठा। आयोजन में मंहत रामसुन्दर दास ,सचिव महेन्द्र अग्रवाल, अजय तिवारी, पुजारी सुमित तिवारी, शैल अग्रवाल , संतोसी अग्रवाल, रोहित चौबे , मुंसी धनेन्द्र सिह, जन मानस सहित संस्कृत पाठशाला के विद्यार्थी उपस्थित थे।