रायपुर
रायपुर, 3 जनवरी। कालसर्प दोष और त्रिपिंडी श्राद्ध जैसे कार्यक्रम गया, नासिक और त्रंबकेश्वर के अलावा छत्तीसगढ़ की पवित्र नदियों के किनारे भी कराया जा सकता है। इसमें किसी तरह की कोई शंसथ या भ्रम की स्थिति नहीं है।
द्विवेदी ने बताया कि रायपुर की पवित्र और जीवनदायनी नदी खारून कहलाती है। इसके किनारे एक देवालय भी है। जहां पर इस तरह की पूजा संपन्न कराई जाती है जिसे अमलेश्वर महाकाल धाम के नाम से जाना जाता है। अमलेश्वर के इस महाकाल धाम में ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी पिछले 20 सालों से इस तरह के आयोजन करवाते आ रहे हैं। इस तरह की पूजा गया नासिक और त्रंबकेश्वर जैसी जगहों पर पिछले 50 सालों से आयोजित होता आ रहा है। लेकिन दूसरी जगह के बारे में पंडित शिवपूजन द्विवेदी को जानकारी नहीं है। पंडित पंकज पांडेय बताया कि इस तरह की पूजा का आयोजन आप कहीं भी कर सकते हैं नदी का किनारा होना चाहिए मंदिर या देवालय होना चाहिए ऐसी जगह पर इस तरह की पूजा आयोजित की जा सकती है ।