दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 14 जनवरी। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा महाविद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों के अध्ययन पश्चात रोजगार के अवसर पर केंद्रित दो दिवसीय करियर काउंसलिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस काउंसलिंग कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ परामर्शदाता वक्त के रूप में उपस्थित शासकीय महाविद्यालय भखारा जिला धमतरी के सहायक प्राध्यापक डॉ. भुवाल सिंह ठाकुर एवं शासकीय महाविद्यालय उतई के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुबोध देवांगन ने हिंदी माध्यम से रोजगार की संभावना व क्षेत्र विषय पर विद्यार्थियों को जानकारी दी।
कार्यक्रम के प्रारंभ में आयोजन के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए हिंदी के विभाग अध्यक्ष डॉ.अभिनेष सुराना ने कहा कि भाषा-साहित्य की साधना से व्यक्तित्व का निर्माण होता है। हिंदी समाज-साहित्य के लिए उपयोगी होने के साथ रोजगार का द्वार भी है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.एम.ए.सिद्दकी ने कहा की हिंदी का विद्यार्थी होना जिम्मेदारी एवं जवाबदारी से युक्त होना है। हिंदी का विद्यार्थी हिंदी के उच्चारण, व्याकरण एवं शास्त्रीयता के प्रति अन्यों से अधिक सजग होता है।
प्रथम दिवस के अतिथि वक्ता डॉ. भुवाल सिंह ठाकुर ने कहा कि अध्ययन पश्चात जीवन के सिंह द्वार को पार करने के लिए विद्या, विनम्रता और लक्ष्य आवश्यक है। भाषा साहित्य में सिद्धहस्त होने के लिए विषय के प्रति प्रेम होना आवश्यक है। विषय का अध्ययन जितना आवश्यक है, उससे अधिक सतत लेखन बौद्धिक क्षमता को बढ़ाता है।
द्वितीय दिवस के अतिथि वक्ता डॉ. सुबोध देवांगन ने कहा कि हिंदी में रोजगार की अपार संभावना है रोजगार की प्राप्ति के लिए हिंदी के प्रति स्वयं को समृद्ध करना प्रथम प्राथमिकता है। हिंदी ही ऐसा विषय है जो शासकीय अशासकीय तथा स्वतंत्र रूप से रोजगार का अवसर देता है। उन अवसरों को पहचानना चाहिए। मीडिया लेखन, पत्रकारिता, पटकथा व अनुवाद स्वतंत्र रोजगार के माध्यम हैं।
उक्त संपन्न कार्यक्रम में हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. बलजीत कौर, डॉ. अन्नपूर्णा महतो, डॉ.कृष्णा चटर्जी, डॉ. सरिता मिश्रा, डॉ. ओमकुमारी देवांगन, डॉ. शारदा सिंह, डॉ.लता गोस्वामी पूर्व छात्र सौरभ के साथ बड़ी संख्या में हिंदी के विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ रजनीश उमरे ने किया।