दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 जनवरी। जिले में एनजीडीआरएस (राष्ट्रीय दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली) प्रणाली से जमीन की रजिस्ट्री होगी जिले में इस प्रणाली को 23 जनवरी से लागू करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए बीआईटी में आयोजित प्रशिक्षण के दौरान पंजीयक कार्यालय के स्टाफ को नई प्रणाली की जानकारी दी गई।
जानकारी के अनुसार जमीनों की खरीदी के लिए राज्य में वर्ष 2017 से चल रहे ई- पंजीयन के बदले एनजीडीआरएस प्रणाली मार्च से लागू कर दी जाएगी। इसी कड़ी में जिले में भी यह व्यवस्था लागू होने जा रही है ई-पंजीयन के स्थान पर लागू होने जा रही नई व्यवस्था से बहुत कम समय में रजिस्ट्री हो जाएगी। इस नए सॉफ्टवेयर में खरीदी-बिक्री की प्रक्रिया की ऑनलाइन एंट्री स्वयं से होगी। केवल दस्तावेजों की अंतिम जांच रजिस्ट्रार ऑफिस में होगी इस नई प्रणाली में आधार, पैन नंबर इंटीग्रेशन के साथ ही बैंकों से आनलाइन भुगतान की सुविधा मिलेगी। पंजीयन, राजस्व के साथ आयकर का जुड़ाव होने से किसी प्रकार के भ्रम पर संपत्तियों का खाका साफ्टवेयर पर तत्काल दिखाई देगा, जो लोगों के लिए एक बड़ी सुविधा होगी। उप पंजीयक शशी पात्रे ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान नई व्यवस्था के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया गया।
एनजीडीआरएस प्रणाली वर्तमान में देश के 11 राज्यों में लागू है, वहीं राज्य में यह वर्तमान में धमतरी, महासमुंद एवं रायपुर के बाद यह दुर्ग जिले में भी लागू होने जा रही है। केंद्र सरकार के भूमि संसाधन विभाग की देख-रेख में एनआइसी ने इसका सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसमें सभी राज्यों का डेटा एनआइसी के क्लाउड सर्वर में सुरक्षित रखा होता है। आम लोगों के लिए इस सिस्टम में आईडी-पासवर्ड की सुविधा है। इसके जरिए आम लोग ऑनलाइन भुगतान के साथ जमीनों के दस्तावेजों की जांच भी कर सकते हैं।
ऑनलाइन अपॉइंटमेंट, पेमेंट की सुविधा मिलेगी। ई पंजीयन में एजेंसी निजी थी जिन्हें प्रति पेज 60 रुपए भुगतान किया जाता है। एनजीडीआरएस प्रणाली में यह पैसा शासन के कोष में जाएगा।