दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 जनवरी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा। हमारे छत्तीसगढ़ में यदि अगामी शैक्षणिक सत्र से यह लागू होती है तो हम सभी प्राध्यापकों, प्राचार्यों एवं विद्यार्थियों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। ये उद्गार हेमचंद यादव विवि, दुर्ग की कुुलपति, डॉ. अरूणा पल्टा ने व्यक्त किएं। डॉ. पल्टा आज विवि द्वारा साइंस कॉलेज, दुर्ग के डॉ. राधाकृष्णन हॉल में आयोजित 150 से अधिक महाविद्यालयों के प्राचार्य तथा प्राध्यापकों को संबोधित कर रही थी।
यह जानकारी देते हुए विवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि सरस्वती पूजन, राज्य गीत के प्रस्तुतिकरण तथा अतिथियों के स्वागत के साथ आरंभ हुई एक दिवसीय कार्यशाला में शासकीय श्याम सुन्दर अग्रवाल महाविद्यालय, सिहोरा, जबलपुर के डॉ. मनोज श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्या, क्यों और कैसे विषय पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया।
डॉ. मनोज ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूर्णत: विद्यार्थियों के हितों पर आधारित है। इसके अंतर्गत विद्यार्थी कई बार अध्ययन में बाधा आने के बावजूद बाद में अध्ययन जारी रख सकता है। इसी प्रकार वह किसी भी संकाय का होने के बाद भी अपनी रूचि के अनुसार दूसरे संकाय का विषय चयन कर सकता है। डॉ. मनोज श्रीवास्तव के व्याख्यान की प्रशंसा करते हुए सभागार में उपस्थित अनेक प्राचार्यों एवं प्राध्यापकों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर केन्द्रित अनेक प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की। इस अवसर पर विवि के कुलसचिव, भूपेन्द्र कुलदीप तथा नगर निगम भिलाई के आयुक्त देवेष धु्रव भी उपस्थित थे। अपने संबोधन में धु्रव ने हेमचंद यादव विवि, दुर्ग के आयोजन की सराहना की। कार्यशाला के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कल्याण महाविद्यालय के प्राचार्य, डॉ. आर. पी. अग्रवाल ने किया।
इससे पूर्व विवि द्वारा नवंबर 2023 में आयोजित बाबा गुरूघासी दास के आदर्शों पर केन्द्रित वीडिया बनाओं प्रतियोगिता तथा अंतरमहाविद्यालयीन युवा उत्सव के 115 विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।